नई दिल्ली । खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई ) और इंटरनेशनल खो-खो फेडरेशन (आईकेकेएफ) ने घोषणा की है कि 2025 में होने वाला पहला खो-खो विश्व कप भारत में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में 6 महाद्वीपों के 24 देश भाग लेंगे और इसमें 16 पुरुष और इतनी ही महिला टीमें हिस्सा लेंगी।
विश्व कप से पहले, केकेएफआई ने खेल को बढ़ावा देने के लिए 10 शहरों के 200 शीर्ष स्कूलों में खेल को ले जाने की योजना बनाई है। महासंघ स्कूली छात्रों के लिए सदस्यता अभियान भी चलाएगा, जिसका उद्देश्य मेगा टूर्नामेंट से पहले कम से कम 50 लाख खिलाड़ियों को पंजीकृत करना है।
केकेएफआई के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने आगामी आयोजन के लिए अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, हम पहले खो-खो विश्व कप की मेजबानी करने के लिए बेहद उत्साहित हैं। यह टूर्नामेंट सिर्फ प्रतिस्पर्धा के बारे में नहीं है।
यह देशों को एक साथ लाने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और खो-खो की खूबसूरती और तीव्रता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने के बारे में है। हमारा अंतिम लक्ष्य 2032 तक खो-खो को ओलंपिक गेम्स में मान्यता दिलाना है और यह विश्व कप उस सपने की ओर पहला कदम है।
इस टूर्नामेंट में एक सप्ताह तक चलने वाली मैचों की श्रृंखला होगी, जिसमें दुनिया भर के शीर्ष स्तर के एथलीट अपने कौशल और टीम वर्क का प्रदर्शन करेंगे ।
इस बीच, खो-खो विश्व कप का उद्देश्य इस स्वदेशी भारतीय खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाना है। इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट की मेजबानी करना केकेएफआई के मिशन ओलंपिक को दर्शाता है।
इस खेल की जड़ें भारत में हैं और विश्व कप में इस खेल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और मुकाबले की भावना को उजागर किया जाएगा। मिट्टी से शुरू हुआ और अब मैट पर आ चुका यह खेल वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है और दुनिया भर में करीब 54 देश इस खेल को खेलते हैं।