फर्जी बिल घोटाला, अब तक चार आरोपित गिरफ्तार

मध्यप्रदेश

इंदौर। नगर निगम में हुए 100 करोड़ रुपये के फर्जी बिल घोटाले में रविवार रात पुलिस ने दो ठेकेदारों को हिरासत में लिया था। इनकी निशानदेही पर सोमवार को पुलिस ने जोन – 8 के सब इंजीनियर और डाटा एंट्री ऑपरेटर को गिरफ्तार किया गया। इस षड्यंत्र में शामिल एक कार्यपालन यंत्री फरार है। एमजी रोड थाने में 16 अप्रैल को नगर निगम ने 20 कूटरचित फाइलें तैयार कर बिना कार्य किए करोड़ों रुपये के भुगतान को लेकर नगर निगम के पांच ठेकेदारों मोहम्मद साजिद, मोहम्मद सिद्दिक, मोहम्मद जाकिर, राहुल बढेरा और रेणू बढेरा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया था।

डीएसपी पंकज पांडेय ने बताया कि नगर निगम द्वारा दर्ज कराए गए प्रकरण में निगम के ड्रेनेज विभाग से संबंधित काम में फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपये का भुगतान कर किया गया था। जांच के बाद ठेकेदारों के घर सर्चिंग की गई। रविवार साजिद अंसारी और जाकिर अंसारी को गिरफ्तार किया गया। दोनों ने बताया कि नगर निगम के कर्मचारी व सब इंजीनियर के साथ मिलकर फर्जी फाइल तैयार की और अवैध भुगतान अपने खाते में प्राप्त किया है। इसके बाद निगम के कंप्यूटर ऑपरेटर चेतन सिंह भदौरिया और सब इंजीनियर उदय भदौरिया से पूछताछ की। सोमवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया।

ड्रेनेज विभाग के कार्यपालन यंत्री अभय राठौर की तलाश की गई है। वे फरार हैं। तीन – चार आईडी का उपयोग जानकारी के अनुसार ड्रेनेज विभाग में जो भी काम होते थे, उन फाइलों की डिजिटल एंट्री कंप्यूटर ऑपरेटर चेतन भदौरिया विभाग के कार्यपालन यंत्री अभय राठौर और उदय के कहने पर करता था। यह एंट्री तीन – चार आईडी से की जाती थी, जिनकी जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जो फाइलें लगाई गई हैं, वे काम 2017 और 2018 के हैं, जिनका भुगतान 2022 में किया गया। अब तक 20 और 16 फाइल मिलाकर करीब 48 करोड़ रुपये के बिल लगाए गए थे। इनमें से अब तक 24 करोड़ रुपये के बिल के भुगतान हो चुका है। डीएसपी पांडेय ने बताया कि जांच के बाद तीन अन्य प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं। तीन अन्य ठेकेदारों की तलाश की जा रही है। पांचों ठेकेदारों को नगर निगम द्वारा भुगतान किए गए खातों की जानकारी लेकर करीब 70 लाख रुपये की राशि फ्रीज कराई गई है। फाइलों में लिखावट और हस्ताक्षर मिलान के लिए भोपाल भेजा गया है। इसमें ड्रेनेज शाखा व जोन में काम करने वाले आठ अधिकारियों व कर्मचारियों के नमूना लेख व हस्ताक्षर भेजे गए हैं।