Tuesday, April 22, 2025

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वन एवं वन्य जीवों से बनती है पारिस्थितिक की करें इनका संरक्षण – डॉ. संजय गुप्ता

आई.पी.एस. दीपका में जीवों के संरक्षण हेतु बच्चों ने धरा और धरा के जीवों के संरक्षण का लिया प्रण

विश्व धरा दिवस पर बच्चों द्वारा ड्राइंग,स्लोगन,क्विज एवं वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

बच्चों ने अपने घरों पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

दीपका – कोरबा//
ग्रहों में श्रेष्ठ धरती जिस पर जीवन का संचार है । जीवन हेतु आवश्यक वातावरण जो केवल धरती पर ही निर्मित होते हैं । जीवन के इस अतुल्य वातावरण के निर्माण में एक ओर वन तो दूसरी ओर जीवों का महत्वपूर्ण योगदान है । जीवों से निर्मित खाद्य श्रृंखला जो पृथ्वी पर संतुलन का कार्य करती है तो वहीं वन एवं पेड़-पौधे इन जीवों को संरक्षण प्रदान करते हैं । यदि इन दोनों की कमी होती है तो इसका सीधा-सीधा असर हमारे जन-जीवन पर पड़ता है । अतः यदि मानव को अपना जीवन सुरक्षित एवं सुचारू रूप से चलाना है तो आवश्यक है कि वन एवं जीवों को संरक्षण प्रदान करें ।
प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को विश्व धरा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है कि धरती के अस्तित्व को बचाना ।
आज मानव के विविध क्रिया कलापों से धरती का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है । कहने को तो हम विकास के क्रम में चल रहे हैं परंतु वास्तविकता यह है कि अपने विकास के लिए हम अपने जीवनपयोगी वातावरण का नाश कर रहे हैं ।
मानव का अस्तित्व तभी सुरक्षित है जब धरती का अस्तित्व सुरक्षित होगा और धरती तभी सुरक्षित रहेगी जब उस पर पाए जाने वाले वन एवं वन्य जीव सुरक्षित होंगें ।


अतः मानव होने के नाते हमारा प्रथम कर्तव्य इन जीवों एवं वनों की सुरक्षा करना है ना कि अपने स्वार्थ की पूर्ति हेतु उनका दोहन करना ।
धरती का बढ़ता तापमान एक बड़े खतरे की पहचान है। पृथ्वी पर मानव की गतिविधियो से निरंतर उसका तापमान बढ़ रहा है। जिससे हमारी सामान्य दिनचर्या का प्रभावित हो रही है। अर्थ डे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने पौधे लगाकर ,ड्राइंग बनाकर एवं क्विज कंपटीशन में हिस्सा लेकर धरती की रक्षा कर प्रण लिया ।


मॉर्निंग असेंबली में अर्थ डे थीम पर रूबी हाउस के विद्यार्थियों ने आकर्षक प्रस्तुति दी।कक्षा 7 वीं की विद्यार्थी अनाया ने अपने शब्दों से पृथ्वी की पीड़ा को व्यक्त किया।
विद्यार्थियों ने विश्व धरा दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण की आवश्यकता एवं महत्व को समझाने के लिए अलग-अलग आकर्षक फेस पेंटिंग एवं स्लोगन के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का कार्य किया। किसी विद्यार्थी ने पृथ्वी की पीड़ा को अपने चेहरे पर व्यक्त किया तो किसी विद्यार्थी ने वनों के विनाश को दर्शाया कई विद्यार्थियों ने दिन-प्रतिदिन निरंतर हो रहे मूक पशुओं की हत्या को भी फेस पेंटिंग में व्यक्त किया विभिन्न प्रेरणादाई स्लोगन के द्वारा भी विद्यार्थियों ने पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया ।


पृथ्वी बचाओ विषय पर बच्चो को अर्थ डे. के अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने बच्चो को पर्यावरण की रक्षा की जिम्मेदारी देते हुए कहा कि प्राकृतिक पर्यावरण से ही मानव का विकास संभव होता है। और आज मानव की विविध गतिविधियां जैसे पेड़ों की कटाई ,वाहनो की वृध्दि आदि से पर्यावरण में तापमान की वृध्दि हो रही है। जिससे जलवायु मे परिवर्तन होते जा रहा हैं। जलवायु में परिवर्तन से हमारे स्वास्थ्य मे उतार चढ़ाव होता रहता है। गरमी बढ़ने से भु-जल स्तर मे गिरावट आ रही है। जिससे पीने के पानी की समस्या बढ रही है, बारिश कम हो रही है।


प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने संदेश देते हुए कहा कि पृथ्वी की संन्तान पेड-पौधे और मनुष्य की संन्तान हम ,इस तरह पेड-पौधे हमारे भाई बहन हुए। इसलिए हमे अपने भाई बहनो की सुरक्षा करनी चाहिए न कि उन्हे नष्ट करना चाहिए। अपने बचपन के अनुभव बाँटते हुए बताया कि जब हम स्कुल में पढते थे, हमे कहा गया था कि धरती हमारी माता है। मुझे लगता है कि धरती माँ ने तो हमें अपना संतान मान लिया पर हम उन्हें माँ का दरजा नही दे पाये। तभी धरती पर चारो ओर गंन्दगी और प्रदूषण व्याप्त है। क्या कोई अपने माँ के साथ ऐसा व्यवहार करता है? इस अर्थ डे पर लोगो से अपने जड़ों की ओर लौटने, अर्थ फ्रैंडली बनने एवं स्वयं से ऐसा वादा करने का आग्रह किया है कि हम धरती को प्रदूषित जगह बनाने के बजाय उसे एक स्वस्थ वातावरण दें, प्राचार्य महोदय ने बच्चे को एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने की प्रेरणा दी।

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