केन्द्रीय कार्यालयों में राजभाषा कार्यशाला के साथ रक्तदान शिविर आयोजित

छत्तीसगढ़ रायपुर

रायपुर। राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, रायपुर में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) के तत्वाधान में 14 जून को संयुक्त हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 6 कार्यालय – नेहरू युवा केन्द्र संगठन, राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान, नागरीय विमानन एवं सुरक्षा ब्यूरो, एमएसटीसी, एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, अंतर राज्य पुलिस बेतार केंद्र, के 30 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया।कार्यशाला की अध्यक्षता निधीष वर्मा, क्षेत्रीय निदेशक, राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान ने करते हुए कहा की छत्तीसहगढ़ राज्य ‘क’ क्षेत्र मे आता है जिस वजह से राजभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार व् प्रशासनिक भाषा में कार्यालीन क्षमता संवर्धन करने के लिए इस तरह की कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे बताया की चूंकि सभी कार्यालय एक दूसरे से जुड़े रहते है व अधिकारी अलग अलग प्रांत से आते हैं तो ऐसी कार्यशाला से एक ही स्थान पर विभिन्न कार्यालय के समावेश से कार्यों में सहयोग, समन्वय व् एकजुटता स्थापित होती है।नीरज कुमार सिंह, सहायक निदेशक व कार्यालय प्रमुख, एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र ने कहा की छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के लिए हिन्दी भाषा बहुत जरूरी व उपयोगी है। कार्यालय के सभी दस्तावेज़ हिन्दी भाषा मे बनाए जाते जिससे आम लोगों को अत्यंत लाभ पहुँच रहा है। उन्होंने आगे बताते हुए कहा की ऐसी हिन्दी कार्यशाला से कार्यालीन कार्य करने में सहजता हुई है।अजय कुमार साहू, वरिष्ट सुरक्षा अधिकारी, नागरीय विमानन एवं सुरक्षा ब्यूरो, रायपुर ने अपने कार्यालय के संक्षित परिचय देते हुए कहा की विमान से यात्रा करने वाले नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह विभाग का गठन किया गया है।कार्यशाला के प्रथम वक्ता गोपाल प्रसाद, सहायक निदेशक, राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान रहे। उन्होंने विभिन्न कार्यालीन रिपोर्ट लेखन और हिन्दी में टिप्पणी/ आलेखन के बारे में चर्चा की। उन्होंने प्रशासनिक भाषा व शब्दावली पर विशेष बल दिया।कार्यशाला के दूसरे वक्ता के रूप में अभिषेक प्रकाश, अनुवाद अधिकारी, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार का अनुवाद टूल कंठस्थ 2.0 के बारें मे जानकारी दी गई। ट्रांसलेशन मेमोरी पर आधारित यह सिस्टम भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग के लिए विकसित किया गया है। इस सिस्टम के माध्यम से अंग्रेजी से हिंदी तथा हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद संभव है।