इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं को लेकर सरकार के सामने 7 मांगे रखी हैं। वहीं कलेक्टर कार्यालय के बाहर 500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने धरने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि 10 दिनों में उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे और इसके लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होंगे।
यह हैं उनकी प्रमुख 7 मांगे
संपर्क ऐप पर काम नहीं: संपर्क ऐप पर काम न कराया जाए और ऐप पर काम न करने पर वेतन में कटौती न हो। अधिकारियों का बुरा बर्ताव भी बंद हो। मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति: मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पूरा समय का काम दिया जाए और 10 दिनों में आदेश लागू हो। पदोन्नति में आयु सीमा हटाना: सहायिकाओं को कार्यकर्ता पद पर पदोन्नति में उम्र की सीमा न हो।
सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर अनुभव और योग्यता के आधार पर उम्र की सीमा हटाकर पदोन्नति दी जाए। स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा: 11 जून 2023 को घोषित 5 लाख रुपए का बीमा तुरंत लागू हो। रिटायरमेंट लाभ: रिटायरमेंट पर मिलने वाली राशि आकस्मिक या किसी बीमारी या एक्सीडेंट से मृत हो रही कार्यकर्ताओं को मिले और बीमारी के दौरान छुट्टी पर वेतन न काटा जाए। नई शिक्षा नीति में प्राथमिकता: स्कूलों में प्री-प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सरकार से अपील
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि, हम सभी संबंधित अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि इन समस्याओं को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द इसका समाधान करें। इन समस्याओं का असर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के काम और उनकी आर्थिक स्थिति पर पड़ता है।