सूरजपुर । कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर जिले में जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश कुमार साहू कि उपस्थिति में आज संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में बाल विवाह रोकथाम एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कलेक्टर के द्वारा गठित संयुक्त टीम द्वारा निरंतर बाल विवाह रोके जा रहे है। छ.ग. में बाल विवाह का डाटा सबसे ज्यादा सूरजपुर में होने के कारण जिले के समस्त पर्यवेक्षकों का 01 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने सूरजपुर को 03 वर्ष में बाल विवाह मुक्त करने हेतु विस्तार से कार्ययोजना की जानकारी दी। बाल विवाह रोकथाम हेतु कलेक्टर द्वारा विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने हेतु निर्देश दिए गए है। बाल विवाह रोकने हेतु गठित संयुक्त टीम के समस्त सदस्यों से बाल विवाह होने के कारणों एवं रोकने के सुझाव के संबंध में परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों विचार लिए जाने हेतु निर्देश दिए गए। वर्ष 2024 में वर्तमान अवधि तक कुल 64 बाल विवाह रोके गए है तथा 04 बाल विवाह होने पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है।वर्ष 2024 में रोके गए समस्त बाल विवाह के फॉलोअप हेतु परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक को निर्देश दिए गए है। फॉलोअप में यदि बाल विवाह होना पाया जाता है तो अपराध पंजीबद्ध हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करें। बाल विवाह ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में विवाह पंजीयन कराया जाना सुनिश्चित करना होगा। यूनिसेफ एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रत्येक आ० बा० कार्यकर्ता सरपंच एवं सचिवो को पंचायत स्तर पर जागरूक करना और किसी भी स्थिति में बाल विवाह को रोकना एवं उससे पहले गांवों में बाल विवाह ना हो इसे सुनिश्चित करना है अपने जिले में बाल विवाह स्कूल शिक्षा से दूर हुए बच्चे हैं, मुख्यतः जो ड्रॉप आउट बच्चे हैं उन्हीं का विवाह कराया जाता है।अभी स्कूल खुल रहा है सभी गांव में सभी आ० बा० कार्यकर्ता स्कुल त्यागी बालिकाओं को स्कूल में नाम लिखवाने हेतु प्रेरित करेंगे साथ ही जो बच्चीया स्कूल नहीं जा पा रही हैं उसका सर्वे करना है उनहे लावलीहुड कॉलेज से सिलाई/कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, कम्प्युटर र्कोस कराकर रोजगार से जोड़ना है। गांव, सेक्टर एवं परियोजना स्तर पर परामर्श की व्यवस्था की जाएगी जिसमें उन्हें बाल विवाह से होने वाले दुष्प्रभाव से अवगत कराया जायेगा। आने वाले जुलाई से सभी ऐसे स्थान जहां ज्यादा बाल विवाह की सूचना मिल रही है वहा जागरूकता कार्यक्रम और बाद में पूरे जिले में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। सभी रोके गये बाल विवाह का फिर से फॉलोअप किया जायेगा जहां भी बाल विवाह संपन्न हुए होंगे सभी में अपराध पंजीबद्ध करने की प्रक्रिया कि जायेगी जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू ने सभी पर्यवेक्षको को बाल विवाह रोकथाम हेतु सभी प्रयासों को गंभीरता से पूरा करने के निर्देश दिये हैं।मिशन शक्ति के लिए सौ दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान 21 जून से 04 अक्टूबर 2024 तक बेटी बचाओ पढाओ संबंधित कार्यशाला आयोजन किया जायेगा कार्यशाला में लिंग संबधी असमानता को दूर करने हेतु संबंधित कानूनों की जानकारी दी गई। जिसमें पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षको को अपने निचले स्तर पर कार्यरत कर्मचारी, आ०बा० कार्यक्रता को गर्भवती महिलाओ को लिंग जांच करवाने से रोकने एवं कन्या भ्रुण हत्या करने से रोकने हेतु कानुन की जानकारी देने को कहा गया तथा यदि किसी महिला के परिवार वाले यदि जबरजस्ती उसका गर्भ का लिंग जांच या गर्भपात कराना चाहते हैं तो महिला अपने गर्भ में पल रही बच्ची का जान बचाने हेतु थाना में या सखी सेन्टर में शिकायत कर सकती है उस महिला के संर्घष में हम सभी उसका सहयोग करेंगे तथा जो बच्चो का जन्म दर एक हजार पुरुष पर 916 महिला में असमानता है उसे आगे सुधारा जा सके जिससे समाज में बढ़ते लडकियों के साथ अपराध में कमी आयेगी।इसके अलावा घरेलु हिंसा अधिनियम, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन अधिनियम 2013 अंतर्गत जानकारी दी गई। कार्यशाला में जिले के एल. डी.एम. आनंद मिंज जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, महिला संरक्षण अधिकारी इन्द्र कुमारी तिवारी समस्त परियोजना अधिकारी एवं समस्त पर्यवेक्षक उपस्थित रहें।