बाल कल्याण समिति ने गुमशुदा मूक-बधिर बालक को परिवार से मिलाया

राष्ट्रीय

बालाघाट । किशोर न्याय (देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अंतर्गत बाल कल्याण समिति बालकों के सर्वोत्तम हित में कार्य करतीं हैं। इसी कड़ी में तत्परता से जिला बालाघाट बाल कल्याण समिति ने ऐसे ही एक जरूरतमंद बालक को अपने परिवार से मिलाया। देवास निवासी देखरेख और संरक्षण के अधीन एक मूक बधिर बालक जो सालों पहले आपने परिवार से बिछड़ गया था। जिसकी गुमशुदा की रिपोर्ट थाना देवास में दर्ज थी। उसे पुलिस ने जिला बालाघाट बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। समिति ने इस बालक को स्थानीय बाल गृह में अस्थाई आश्रय दिया। फिर उसके परिवार को खोज कर शुक्रवार को बाल कल्याण समिति ने उस बालक के पिता असलम खां को देवास पुलिस की अभिरक्षा में जिला देवास में स्थानांतरित किया। जहां बाल कल्याण समिति, बालाघाट अध्यक्ष श्रीमती अनिता खरे, सदस्य- श्रीमती शीला सिंह, श्रीमती नमिता चिले, हेमेन्द्र क्षीरसागर, देवास और बालाघाट पुलिसकर्मियों की भूमिका सराहनीय रही।

बाल कल्याण समिति ने कहा, बालक के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए बालक को परिवार में पुनर्वास किया जाना उचित है। समिति ने बालक को किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के आदर्श नियम 2016 में निहित प्रावधान अनुसार बालक को परिवार में पुनर्वासित किए जाने हेतु निर्मुक्ति सह पुनः स्थापन आदेश जारी किया। सुपुर्दगी उपरांत बालक की समस्त जिम्मेदारी बालक के पिता असलम खां की होगी। समिति ने बालक के उज्जवल भविष्य की कामना के साथ बालक के पिता को उसकी अच्छे तरीके से परवरिश करने समझाईश भी दी। बालक को बाल कल्याण समिति जिला देवास के समक्ष प्रस्तुत कर परिवार के सुपुर्द किया जाएगा।

इसी तरह बाल कल्याण समिति, बालाघाट, देवास और बालाघाट पुलिस की उल्लेखनीय कार्यप्रणाली से एक जरुरतमंद बालक को अपना परिवार मिल गया। जो उसे बालक, उसके परिवार और राष्ट्र के लिए खुशी का पल था। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति ने सभी अभिभावकों से अपने बच्चों की समुचित देखभाल करने की गुजारिश भी की। ताकि बचपन सुरक्षित रहकर एक आगे जाकर देश का एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें। आखिर! बच्चे हमारी अनमोल धरोहर है। इन्हें सार संभाल कर रखने की जिम्मेदारी हमें ही निभानी होगी।