


ओबीसी वर्ग की महिला बन गई थी अनुसूचित जनजाति
हाईकोर्ट ने भी खारिज की याचिका
बिलासपुर।
ओबीसी वर्ग की एक महिला ने अनुसूचित जनजाति (ST) बैगा जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली थी। मामले में उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब शिक्षा विभाग ने महिला को बर्खास्त कर दिया है।
उर्मिला बैगा नामक यह महिला वर्तमान में बिल्हा ब्लॉक के गवर्नमेंट मिडिल स्कूल में पदस्थ थीं। जांच में सामने आया कि वह वास्तव में ‘ढीमर’ जाति की हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आती है, लेकिन उन्होंने ‘बैगा’ (ST) जाति का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी।
इस मामले की शिकायत के बाद रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की जाति छानबीन समिति ने जांच कर 11 दिसंबर 2006 को उनके प्रमाण पत्र को फर्जी करार देते हुए निरस्त कर दिया था। इसके बाद 7 फरवरी 2007 को जिला शिक्षा अधिकारी ने उर्मिला की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया।
हालांकि, उर्मिला ने DEO के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर पहले स्थगन आदेश मिला। लेकिन बाद में उन्होंने याचिका वापस ले ली, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और स्थगन आदेश भी निरस्त कर दिया। अब संयुक्त संचालक शिक्षा आरपी आदित्य ने सभी दस्तावेज और न्यायालय के आदेशों के आधार पर उर्मिला बैगा को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है।