हैदराबाद । तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिये 119 निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को प्रात: सात बजे मतदान शुरू हो गया। राज्य भर में 35655 से अधिक मतदान केन्द्राें पर कर्मचारियों और मतदान सामग्री पहुंचाने सहित सभी तैयारियां बुधवार को ही पूरी कर ली गयी थी। सभी मतदान केन्द्रों पर चुनाव सामग्री भी उपलब्ध करा दी गयी है।
मतदान के लिये दो लाख से अधिक चुनाव कर्मी तैनात किये गये हैं। इस चुनाव में 3.26 करोड़ से अधिक मतदाता इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के माध्यम से वोट डालकर 2290 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने सुचारु रूप से मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने के लिये सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के साथ-साथ बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिये मतदान केन्द्रों पर विशेष सुविधायें भी करवायी हैं। सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा और 13 नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों को छोड़कर शेष में पांच बजे तक चलेगा।
सिरपुर, चेन्नूर, बेलामपल्ली, मंचरियाला, आसिफाबाद, मन्तानी, भूपालपल्ली, मुलुगू, पिनापका, इलान्डू, कोठागुडेम, अश्वरावपेटा और भद्राचलम नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्र हैं, इन क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं को प्रवेश केवल चार बजे तक मिलेगा।
राज्य में तीन करोड़ 26 लाख से अधिक मतदाताओं में 1.62 करोड़ से अधिक पुरुष, 1.63 करोड़ से अधिक महिला और 2676 ट्रांसजेंडर (उभयलिंगी) मतदाता हैं। राज्य की एल बी नगर विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 48 उम्मीदवार हैं जबकि नारायणपेट सीट पर सबसे कम सात प्रत्याशी हैं।
चुनाव अधिकारियों ने 35655 मतदान केन्द्रों पर 2.08 लाख मतदान कर्मियों की तैनाती के लिये व्यापक इंतजाम किये हैं। निर्बाध और सुचारु मतदान के लिये सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। मतदान केन्द्रों पर अर्द्धसैनिक बल सहित 45000 से अधिक सुरक्षा कर्मी और 35500 होमगार्ड भी मतदान केन्द्रों पर तैनात किये गए हैं। लगभग 1800 सचल दस्ते तैनात किये गये हैं जो चुनाव के दौरान कोई भी अनियमितता होने की शिकायत होने पर उसकी तत्काल जांच करेंगे। राज्य में मतदान संपन्न होने तक शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
तेलंगाना सहित राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनावों के लिये हुये मतदान की गिनती तीन दिसंबर को शुरू होगी। राज्य में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को कांग्रेस पार्टी चुनौती दे रही है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में हैं। तेलंगाना के गठन के बाद पिछले 10 साल से राज्य में बीआरएस सत्तारूढ़ है।