पटवारी को ग्रामीणों ने बनाया बंधक

छत्तीसगढ़ बिलासपुर

मामला – मतदान के बहिष्कार बावजूद जबरदस्ती वोट डलवाने का

मामला नगर पंचायत बोदरी के वार्ड नंबर 10 ग्राम डडहा में बूथ क्रमांक 210 का है

बिलासपुर।

बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में ग्रमीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है। गांव में सड़क नहीं बनाने से नाराज मतदाताओं ने शुक्रवार को शाम सात बजे तक पोलिंग बूथ में मतदान करने नहीं पहुंचे। इधर मतदान केंद्र में सनाटा छाया रहा है। किसी प्रकार से वोटिंग कराने के लिए इस दौरान आला अधिकारी भी ग्रामीणों को मतदान करवाने का प्रयास करते रहे लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इस बीच लोगों ने जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते भी नजर आये। इतना ही नहीं मतदाताओं ने पटवारी को कार के अंदर दिनभर बंधर बनाए रखा।


मामला नगर पंचायत बोदरी के वार्ड नंबर 10 ग्राम डडहा में बूथ क्रमांक 210 का है। जहां लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। ग्रामीण प्रशासन से इस कदर नराज है कि वे शाम सात बजे तक वोट डालने ही नहीं पहुंचे। इस बीच पटवारी पराग महलांग ने कुछ ग्रामीणों को अपने कार में बैठाकर जबरदस्ती वोट डलवाने ले जा रहा था। इस दौरान गुस्साएं महिलाओं, युवक व युवतियों ने मौके पर कार को चारों ओर से घेर लिया और जमकर पटवारी, एसडीएम सहित तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी कर हंगामा करने लगे।
कार के अंदर बैठे पटवारी को ग्रामीणों ने घेरे रखा। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल गांव में मौके पर पहुंचा। इसके बावजूद नाराज ग्रामीणों ने पटवारी को घेरकर रखे रहें। नगर पंचायत बोदरी के वार्ड नंबर 10 में की जनसंख्या करीब डेढ़ हजार है और करीब 960 मतदाता शामिल है। इस बार ग्रामीणों ने आचार संहिता लागू होने से पहले ही सड़क नहीं तो वोट नहीं की बात करते हुए चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी थी। इस बारे में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे थे। बीते दो दिनों से चुनाव आयोग के निर्देश पर ग्राम डडहा में अधिकारी व कर्मचारियों ने पोलिंग बूथ में मतदान कराने की तैयारी में जुटे थे। शुक्रवार की सुबह दल बल समेत चुनाव अधिकारी व कर्मचारी बूथ पर तैनात थे। सुबह आठ बजे के बाद ग्रामीण मतदान करने नहीं आए। दोपहर दो बजे तक भी बूथ में एक भी मतदान नहीं हुआ। फिर एसडीएम हरिओम द्विवेदी, तहसीलदार, पटवारी ने ग्रामीणों से संपर्क किया। तब पता चला कि यहां 50 सालों से विकास नहीं हुआ है। सबसे ज्यादा समस्या सड़क की है। ग्रामीणों को समझाईश दी लेकिन मतदान करने के लिए कोई तैयार नहीं हुए। इस बीच पटवारी अपनी कार से बाहर के लोगों को अपने बैठाकर मतदान करवाने लेकर जा रहे थे, जिसे देखकर ग्रामीणों ने चारों तरफ से घेर लिए। इसके बाद घंटों हंगामा होता रहा। वोटिंग का समय खत्म हो जाने के बाद ग्रामीणों ने शाम सात बजे तक बंधक बनाए पटवारी को जाने दिया।
इधर मस्तूरी विधानसभा में सिर्फ तीन वोट पड़े
मस्तूरी विधानसभा के मानिकपुर,धुमा पंचायत के मतदान क्रमांक 143, 44 और 146 में भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया गया। सड़क, नाली, पानी जैसी समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने वोट नहीं किया। इस दौरान मतदाताओं ने रोड नहीं तो वोट नहीं की नारेबाजी की। शाम तक सिर्फ तीन लोगों ने मतदान किया था। अधिकारियों के समझाइश के बाद मानिकपुरी के 146 बूथ के मतदाताओं ने शाम को वोटिंग करने शुरू किया।