

जांजगीर नैला में मतदाताओं का मूड भांप नहीं पा रहे वोटर्स, भाजपा कांग्रेस में करीबी मुकाबला
जाँजगीर चांपा:- नगरीय निकाय के लिए वोटिंग 11 फ़रवरी को है । रैलियों सभाओ से प्रचार प्रसार थम जाने के बाद अब उम्मीदवार ज़्यादा से ज़्यादा मतदाताओं तक डोर से डोर पहुंचेगे । 10 फ़रवरी की रात निर्णायक होने वाली है । जिला मुख्यालय की नगरपालिका में अध्यक्ष अजा महिला के लिए आरक्षित है यहाँ कांग्रेस से गंगोत्री संतोष गढ़वाल एवं भाजपा से रेखा देवा गढ़वाल के बीच सीधी भिड़ंत है । साइलेंट वोटर्स के मतदाताओं के मूड को भांप पाना कठिन है । यहाँ के 25 वार्डो में भी ज़्यादातर सीधा मुक़ाबला ही होगा ।
कांग्रेस की कमान सम्भाली विधायक ने
भाजपा से बसपा होते कांग्रेस आए जांजगीर चाँपा विधायक व्यास कश्यप के लिए यह चुनाव एक बड़ी चुनौती है । पार्षद टिकट के लिए हालाँकि कांग्रेस में कम मारामारी थी लेकिन विधायक के अनुसार ही टिकट बँटे । संगठन में भी उनको अपने वर्चस्व की मोहर लगाना है इसलिए वे शहर के पालिका चुनाव में सीधे रुचि ले रहे हैं।
भाजपा में चंदेल कर रहे अगुवाई
शहर में अध्यक्ष व पार्षदों के लिए भाजपा टिकट वितरण में पूर्व नेता प्रतिपक्ष विस नारायण चंदेल की एकतरफा चली। विधान सभा चुनाव हारने के बाद यह चुनाव उनके अपने शहर में उनके लिए कसौटी होगा ।
फैक्ट फाइल
– पिछले परिषद में कांग्रेस की सत्ता थी हालांकि तत्कालीन अध्यक्ष व पार्षदों में किसी की टिकट रिपीट नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस को एंटी इनकमबेंसी झेलना पड़ेगा
– पिछले विधान सभा लोकसभा और नगर पालिका चुनाव में शहर के वोटर्स का झुकाव भाजपा की ओर रहा है । पिछली परिषद में भी भाजपा के ज़्यादा पार्षद चुनकर आए थे । अध्यक्ष का चुनाव पार्षदो की वोटिंग से हुआ था । बीजेपी पार्षद की क्रॉस वोटिंग से अध्यक्ष कांग्रेस का बना
– कांग्रेस के लिए प्लस यह है कि भाजपा को नापसंद करने वाले वोटर्स के पास बसपा या दूसरा विकल्प नहीं है । मुस्लिम ईसाई और अनुसूचित जातियों के वोटो का ध्रुवीकरण कांग्रेस को लाभ पहुँचाएगा ।
– स्थानीय चुनाव में पार्टी गत प्रतिबद्धता के अलावा प्रत्याशी की अपनी छबि भी वोटिंग का आधार बनती है ।
– वार्ड 16,19,21,8,6 में कांग्रेस के लिए चुनौतियां तो वार्ड 15,14,18,20 में भाजपा के लिए मुश्किल ज़्यादा है
– शहर के मध्य में भाजपा तो नैला एवं जांजगीर भाटा पारा में कांग्रेस मजबूत दिख रही है ।