स्व सहायता समूह की आदिवासी सदस्यों ने निफ्टेम में हाई-प्रोटीन ग्रेनोला बार बनाने की ली ट्रेनिंग

छत्तीसगढ़

जशपुरनगर । जिले के आदिवासी इलाकों में बेहतर पोषण और स्वरोजगार के लक्ष्य के लिए जिला प्रशासन के सहयोग के साथ, जय जंगल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी और अलग-अलग स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने निफ्टेम कुंडली में एक खास तकनीकी हस्तांतरण के प्रशिक्षण सत्र में भाग लिया। इस प्रशिक्षण को डॉ. प्रारब्ध बड़गुजर और पीएचडी छात्रा रुशाली जैसवाल ने संचालित किया, जिसमें उन्होंने प्रोटीन युक्त ग्रेनोला बार बनाने की विधि सिखाई।

ग्रेनोला बारों को आदिवासी इलाके की स्थानीय सामग्री के साथ विकसित किया जा रहा है ताकि इनके स्वास्थ्य लाभ और बढ़ें। प्रशिक्षण में उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया, उच्चतम गुणवत्ता वाले सामग्रियों का चयन, और खाद्य सुरक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों ने उत्पाद लेबलिंग के महत्व और तरीकों के बारे में भी सीखा, जिससे वे बाज़ार में अपने उत्पादों को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकें।

ट्रेनिंग को जशपुर जिला प्रशासन का समर्थन प्राप्त है और यह आदिवासी समुदायों के लिए आधुनिक खाद्य तकनीक के साथ पारंपरिक ज्ञान को मिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खाद्य प्रसंस्करण सलाहकार समर्थ जैन ने बताया कि इस ग्रेनोला बार के तकनीक को सीखने के बाद जशपुर के महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में इस ग्रेनोला बार में फूड ग्रेड महुआ और सामान्य सहद की जगह महुआ सिरप को इस ग्रेनोला बार के प्रमुख घटक तत्वों में सामिल करने का प्रयास किया जाएगा। जिससे इसे जशपुर की विशेष पहचान मिल सके।