कोरबा I
माटी मूर्तिकार विकास समिति सीतामणी के सदस्यों बाहर से आये मूर्तीकारों का जमकर विरोध किया गया । स्थानीय कुम्हार और मूर्तिकारों का दावा है की बाहर से आने वालों के कारण उनका धंधा चौपट हो रहा है। गौरतलब है की गणेश पूजा के 3 माह पहले ही कोलकाता और अन्य स्थानों से मूर्तिकार कोरबा में डेरा डाल देते हैं । इससे स्थानीय कुम्हार और मूर्तिकारों को रोजी रोटी समस्या होती हैl
बिसाहू कुंभकार ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया माटी मूर्तिकार विकास समिति सीतामणी कोरबा एक रजिस्ट्रड संस्था है जिस संस्था में जुड़कर हम लोगों के द्वारा मूर्ति निर्माण कर अपना जीवन यापन किया जाता है कोरबा शहर में कई दशकों से मिट्टी के बर्तन एवं भगवान गणेश एवं दुर्गा मां की प्रतिमा एंव अन्य मूर्तियां बनाकर अपना जीवन का निर्वाह एवं अपने परिवार का भी पालन-पोषण कर रहे हैं। हम समिति के सभी लोग वर्तमान में कलकत्ता से अंशु फर्नीचर के सामने धनेश कुमार सिंह के जमीन में एक सुभाष कुमार नाम के बंगाली के द्वारा मूर्ति का कार्य किया जा रहा है जिसके विरोध में हम माटी मूर्तिकार विकास समिति के समस्त गारीगर अपने परिवार सहित उसके पास गये और बोले की आप यहां हमारे समिति में शामिल होकर सहपरिवार रह कर यह समिति के नियमानुसार सिमित मूर्ति बनायें अन्यथा मूर्ति न बनायें यह समिति के द्वारा निर्णय लिया गया है। लेकिन नहीं मान रहा है। जिससे हमारा मूर्ति बनाने की धंधा प्रभावित हो सकता है एवं हम सभी लोगों को अपना जीवन यापन करने में परेशानी हो सकती है।