Wednesday, December 18, 2024

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भारतीय सेना की तैयारी ऐसी है कि दुश्मनों को संभलने का मौका भी नहीं देंगें-डॉ. संजय गुप्ता

BJP NARENDRA DEWANGAN

विजय दिवस के अवसर पर शहीद जवानों को बच्चों ने अपनी कला से दिया सम्मान

दीपका – कोरबा //
भारतीय सेना की शौर्य गथाएँ इतनी ज्यादा है कि उनके लिए शब्द कम पड़ जाते हैं । उसने जहाँ एक ओर अपने पराक्रम का लोहा मनवाया है वहीं दूसरी ओर संकट में फँसे लोगों को भी बचाया है । भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी और भारतीय राज्यों के सेना से हुआ जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणित हुई । भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंन्ट का विविध इतिहास रहा है । इसने दुनिया भर में कई लड़ाईयाँ लड़ी और अभियानों में हिस्सा लिया है तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में सम्मान अर्जित किया है ।

आईपीएस दीपका में मनाया गया विजय दिवस

प्रथम कश्मीर युध्द 1947 में हुआ इसके बाद 1965 में दूसरा कश्मीर युध्द लड़ा गया । सन् 1999 में कारगिल युध्द में विजयी हासिल कर हमारी सेना ने अपने बहादुरी के परचम गाड़े हैं । सेना ने बहुत सारी नई तकनीक के जरिए काफी बुलंदी को छुआ है । भारतीय सैनिकों के शौर्य, साहस, पराक्रम एवं बलिदान की गथाएँ इतिहास में स्वर्णच्छारों में अंकित है । शौर्य और साहस के अतिरिक्त भारतीय सेना सैन्य धर्म एवं चरित्रगत आचरण के लिए भी जानी जाती है । सेना का अनुशासन सबको अपने जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है ।

The preparation of the Indian Army is such that we will not give the enemies a chance to recover - Dr. Sanjay Gupta
The preparation of the Indian Army is such that we will not give the enemies a chance to recover – Dr. Sanjay Gupta

The preparation of the Indian Army is such that we will not give the enemies a chance to recover – Dr. Sanjay Gupta 16 दिसंबर, 1971 के ऐतिहासिक दिन, जब भारत ने पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त की थी और बांगलादेश का गठन हुआ था। यह दिन न केवल हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण सैन्य विजय का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे वीर सैनिकों के साहस, बलिदान और एकता का भी प्रतीक है। 1971 का युद्ध एक संघर्ष था, जो बांगलादेश के लोगों के स्वतंत्रता के लिए था। हमारे वीर जवानों ने केवल पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ा, बल्कि उन्होंने न्याय, स्वतंत्रता और मानवता की रक्षा के लिए भी संघर्ष किया। इस युद्ध में हमारे शहीद सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, और साथ ही साथ लाखों लोगों ने अपनी मातृभूमि के लिए बलिदान दिया।

The preparation of the Indian Army is such that we will not give the enemies a chance to recover - Dr. Sanjay Gupta
The preparation of the Indian Army is such that we will not give the enemies a chance to recover – Dr. Sanjay Gupta

विजय दिवस सिर्फ एक सैन्य विजय का दिन नहीं है, बल्कि यह हमारे सैनिकों की शौर्य गाथाओं को याद करने का दिन है। यह एक दिन है, जब हम उनके बलिदान और संघर्ष को सम्मानित करते हैं, जिन्होंने अपनी जान को दांव पर लगाकर देश की अखंडता और गौरव की रक्षा की। इस दिन को मनाने का उद्देश्य सिर्फ विजय का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमें यह सिखाता है कि एकजुट होकर हम किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं और विजय प्राप्त कर सकते हैं।
विजय दिवस के उपलक्ष्य में दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में एक विजय सभा का आयोजन किया गया और युध्द में विजयी सैनिकों को अपने कला के माध्यम से सम्मानित किया गया और जो शहीद हुए उन्हे दिल से याद किया गया । कार्यक्रम में सबसे पहले शिक्षक श्री हेमलाल श्रीवास ने बच्चों को भारतीय सेना के पराक्रम एवं कारगिल युध्द पर किस तरह से सेना ने विजय पाया के बारे में बताया उसके बाद प्राथमिक कक्षा के बच्चों द्वारा सैनिकों के सम्मान में एक मधुर गीत की प्रस्तुति दी गई इसी क्रम में प्राथमिक कक्षा के बच्चों ने एक प्रेरणा नृत्य प्रस्तुत किया तथा कक्षा नवमीं एवं दसवीं के बच्चों ने कारगिल युध्द पर आधारित नृत्य नाटिका का मंचन किया जिसे देखकर सब भावविभोर हो उठे और भारत माता की जय ध्वनि से विद्यालय प्रांगण गुंजयमान हो उठा ।

The preparation of the Indian Army is such that we will not give the enemies a chance to recover - Dr. Sanjay Gupta
The preparation of the Indian Army is such that we will not give the enemies a chance to recover – Dr. Sanjay Gupta

इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने भारतीय सेना के बारे में बताया कि भारतीय सेना की तैयारी ऐसी है कि दुश्मनों को संभलने का मौका भी नहीं देंगें । भारतीय सेना के जवान हजारों फुट की ऊँचाई पर अपनी हड्डियाँ गलाते हैं और दुश्मनों की हर हरकत पर पैनी निगाह रखते हैं । तब जाकर हम अपने शहरों गाँवों और घरों में सुरक्षित रह पाते हैं । इन शहादत को भारतीय नागरिक को याद रखने की जरूरत है, देश को आगे बढ़ाने में सैनिकों का बहुत बड़ा सहयोग होता है ।इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी परास्त किया, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।भारतीय सेना देश की संप्रभुता, सद्भाव, और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करती है।भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आन्तरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शान्ति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं।हम सभी को भारतीय सेना पर और भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए।
आज हम विजय दिवस मनाते हैं, तो हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश की सेवा में अपनी पूरी शक्ति लगाएँगे। हमें उन सैनिकों के जैसे अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहना चाहिए और अपने देश की शांति और समृद्धि के लिए काम करना चाहिए।आइए, हम सब मिलकर उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करें, जिन्होंने अपनी जान दी और हमें गर्व महसूस कराया। उनकी वीरता और बलिदान को हम हमेशा याद रखेंगे।

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