थाना प्रभारी बोले-बेटी की इज्जत से खेलने वाले के साथ समझौता कर लो, गारंटी देता हूं कि परेशानी नहीं होगी
मामला जबलपुर का है, जहां शहपुरा थाना प्रभारी ही आरोपित को बचाने में जुटते नजर आ रहे हैं। युवती के स्वजनों से कहा कि आरोपित से समझौता कर लोगे तो मैं गारंटी देता हूं कि आगे कुछ परेशानी नहीं होगी। पीड़िता और स्वजन थाना प्रभारी के मनसूबे समझ गए और सीधे बेटी को लेकर एसपी […]
मामला जबलपुर का है, जहां शहपुरा थाना प्रभारी ही आरोपित को बचाने में जुटते नजर आ रहे हैं। युवती के स्वजनों से कहा कि आरोपित से समझौता कर लोगे तो मैं गारंटी देता हूं कि आगे कुछ परेशानी नहीं होगी। पीड़िता और स्वजन थाना प्रभारी के मनसूबे समझ गए और सीधे बेटी को लेकर एसपी आफिस पहुंच गए।

पीड़िता और स्वजन थाना प्रभारी के मनसूबे समझ गए और सीधे बेटी को लेकर एसपी आफिस पहुंच गए। यहां एडिशनल एसपी को अपना दर्द बयां किया। अफसर ने फोन लगाकर मामला दर्ज करने को कहा लेकिन इसके बाद भी शिकायत दर्ज करवाने के लिए रात 9 बजे तक थाने में खड़े रहे। यानि एक मामला दर्ज करवाने के लिए पीड़िता को परिवार के साथ 22 घंटे से ज्यादा परेशान होना पड़ा।
21 साल की युवती को शहपुरा के बरगी गांव का अभिषेक पटेल 23 साल परेशान करता था। स्वजन ने बताया कि पिछले आठ दस माह से लड़की को राह चलते युवक परेशान कर रहा था। युवती की युवक से दोस्ती थी बाद में उसने बातचीत करना बंद कर दिया था। इस बात से नाराज अभिषेक ने युवती से शारीरिक संबंध बनाने का दवाब बनाया। उसने धमकी दी कि ऐसा नहीं करने पर वह उसके निजी फोटो को इंटरनेट पर वायरल कर उसकी बदनामी कर देगा।
इंस्ट्राग्राम पर फोटो और अभद्र टिप्पणी लिखकर वायरल कर दी
लड़की जब उसके दवाब में नहीं आई तो आरोपित ने सोमवार को इंस्ट्राग्राम पर युवती का फोटो और अभद्र टिप्पणी लिखकर वायरल कर दिया। स्वजनों ने यह देखकर तत्काल शहपुरा थाने पहुंचे जहां महिला उप निरीक्षक नहीं होने का हवाला देकर पुलिस ने सुबह आने की बात कही।
आगे वह परेशान नहीं करेगा यह मेरी गारंटी है
लड़की के ममेरे भाई ने बताया कि सुबह दस बजे थाना पहुंचे तो काफी इंतजार के बाद थाना प्रभारी जितेंद्र पाटकर ने पहले समझाया और लड़की की इज्जत का हवाला देकर मामला शांत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लड़का के खिलाफ शिकायत दे दो आगे वह परेशान नहीं करेगा यह मेरी गारंटी है।
एडशिनल एसपी से अपनी व्यथा बताई
स्वजन मामला दर्ज करवाना चाहते थे इसलिए उन्होंने थाने से निकले और सीधे जबलपुर के लिए निकल पड़े। यहां एसपी आफिस में एडशिनल एसपी प्रदीप शिंडे से पीड़ित परिवार मिला और अपनी व्यथा बताई। शिंडे ने थाना प्रभारी को फोन कर मामला दर्ज करने को कहा।
महिला उप निरीक्षक नहीं होने से इंतजार करना पड़ा
वापस पीड़ित परिवार शहपुरा थाने गया लेकिन महिला उप निरीक्षक नहीं होने से उन्हें इंतजार करना पड़ा। रात करीब आठ बजे बेलखेड़ा थाने से महिला उपनिरीक्षक आई जिसके बाद मामला दर्ज करने की प्रक्रिया हुई। स्वजन का आरोप है कि एडिशनल एसपी के निर्देश के बाद भी थाने से आरोपित को छोड़ दिया गया।
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