प्रधानमंत्री जनमन योजना का मुख्य उद्देश्य संपूर्ण रूप से सशक्त बनें पीवीटीजी समूहः मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ रायपुर

रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रशासनिक अमला राज्य के विशेष पिछड़ी जनजातियों को पोषण चौपाल के माध्यम से जागरूक कर कर रहा है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं पूरा प्रशासनिक अमला विशेष पिछड़ी जनजातियों के पंचायत, बसाहट, टोला पारा एवं घर द्वार तक पहुंच कर बड़ी सरलता एवं आत्मीयता से पोषण चौपाल लगाकर विभिन्न प्रकार के समस्याओं एवं आवश्यकताओं से अवगत करा रहे हैं। इस दौरान प्रशासन की तरफ से कड़ी ठंड को देखते हुए पीवीजीटी समूह के सदस्यों को स्वेटर, कंबल सहित खाद्यान्न सामग्री का भी वितरण कर रहे हैं। इसी कड़ी में जशपुर जिले के बगीचा, कुनकुरी और मनोरा क्षेत्र के पीवीजीटी समूहों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए अधिकारियों ने पोषण चौपाल लगाकर पौष्टिक आहार के संबंध में उन्हें जानकारी देकर जागरुक एवं प्रेरित किया।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल एवं जिला पंचायत सीईओ संबित मिश्रा के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में पीएम जनमन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विशेष शिविर का आयोजन बगीचा, मनोरा और  कुनकुरी विकासखंड के विशेष जनजाति पहाड़ी कोरवा, बिरहोर क्षेत्र के 94 ग्राम पंचायत के अंतर्गत आश्रित ग्रामों में शिविर एवं बसाहट, टोलापारा, मोहल्ला में सर्वे किया गया है। 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूरे राज्य में सर्वे के क्रियान्वयन के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंर्तगत जिले में विशेष रूप से विशेष पिछड़ी जनजाति समूह की सामाजिक आर्थिक उन्नति के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को बेहतर क्रियान्वयन के लिए शिविर लगाकर समस्याओं से अवगत होने निर्देश दिए हैं ताकि चिन्हांकित सभी पी.वी.टी.जी. समुदाय के लोगों को प्रधानमंत्री जनमन योजना का लाभ दिलाने मिशन मोड में कार्ययोजना बनाकर उन्हें लाभ प्रदान कराया जा सके और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बेहतर कार्य योजना के बनाई जा सके। 

गौरतलब है कि विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत विभिन्न विभागों के समन्वय से पेयजल, आवास, सड़क, मोबाईल मेडिकल यूनिट, छात्रावास निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण, वनधन केंद्र की स्थापना, इंटरनेट एवं मोबाईल सर्विस की उपलब्धता तथा आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास सहित महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा।