लखनऊ में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन जारी है। बुधवार को भारी बारिश के दौरान भी धरना स्थल से प्रदर्शनकारी नहीं हटे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिलता, धरना प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बारिश के दौरान हम प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन हमारी सुध लेने के लिए प्रशासन की ओर से कोई नहीं आया है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि धरना प्रदर्शन में काफी संख्या में महिलाएं भी हैं। मंगलवार रात 12 बजे हमें धरना स्थल से हटा दिया गया। रात भर से खाना नहीं खाया है। आज बारिश में भीग रहे हैं और अपनी मांग सरकार तक रख रहे हैं। हम सरकार से चाहते हैं कि कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसे देखते हुए हमें हमारा नियुक्ति पत्र दें।
मंगलवार देर रात हटाए जाने के बाद बुधवार सुबह फिर प्रदर्शनकारी धरनास्थल पर पहुंच गए। एक और प्रदर्शनकारी ने कहा कि पहले भी कई दिनों तक प्रदर्शन कर चुके हैं। कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है। बस सरकार भी ध्यान दे और नियुक्ति पत्र जारी करे।
बता दें कि 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक फैसला दिया। कोर्ट की डबल बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी। साथ ही तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया।
कोर्ट के इस फैसले का स्वागत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा कि 69,000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया गया। सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने हेतु विभाग को निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए एवं किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।