मानव जीवन का स्वर्णिम काल होता है विद्यार्थी जीवन – श्री सक्सेना

दीपका-कोरबा //इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्रांगण में छात्रसंघ तथा हाउस प्रभारी छात्र-छात्राओं के लिए शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि अमित सक्सेना (जी एम एसईसीएल दीपका) एवं श्रीमती आभा सक्सैना ( अध्यक्षा महिला समिति) , श्रीमती नेहा वर्मा (एडिशनल एसपी) उपस्थित रहे । कार्यक्रम की शुरूआत द्वीप प्रज्वलन के साथ […]

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Real assessment: Recognizing the depth of knowledge and height of thinking - Academician Dr. Gupta

वास्तविक मूल्यांकन: ज्ञान की गहराई और सोच की ऊँचाई की पहचान- शिक्षाविद डॉ गुप्ता

दीपका- कोरबा //राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एनसीआरटी ने एक नया मूल्यांकन मॉडल सुझाया है ।इसमें प्रस्ताव है कि कक्षा 9 10 और 11 के छात्रों के प्रदर्शन को उनके कक्ष 12 के बोर्ड परिणाम में योगदान देना चाहिए। जुलाई में जारी रिपोर्ट ‘ शिक्षा बोर्ड में समानता स्थापित करने पर ‘ सुझाव दिए […]

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Indus Public School Dipka

वृक्ष ही जीवन है इसकी रक्षा हमारा धर्म है – डॉ. संजय गुप्ता

दीपका – कोरबा //वृक्षारोपण यानी वृक्ष लगाना। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना बहुत ज़रूरी है। पेड़-पौधों के माध्यम से प्रकृति सभी प्राणियों पर अनंत उपकार करती है। पेड़-पौधे हमें छाया प्रदान करते हैं।पेड़-पौधों से हमें ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है, […]

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To make children an ideal and suitable person for the society, it is necessary to teach them discipline from childhood – Educationist Dr. Gupta

बच्चों को एक आदर्श और समाज के लिए अनुकूल इंसान बनाने के लिए उन्हें बचपन से ही अनुशासन सिखाना जरूरी है-शिक्षाविद डॉ गुप्ता

हमारे संस्कार ही हमें जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं-डॉ संजय गुप्ता दीपका- कोरबा //आज दिन-प्रतिदिन बढ़ती प्रतिस्पर्धा एवं तनाव भरी जिंदगी में विद्यार्थियों को मानसिक रूप से स्वस्थ व प्रसन्न रहना अतिआवश्यक है । लेकिन जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती है विद्यार्थियों में मानसिक दबाव बढ़ते जाता है । वर्षभर नियमित व अनुशासित तथा समर्पित […]

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There is no substitute for hard work - Dr. Sanjay Gupta

कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है-डॉ. संजय गुप्ता

दीपका- कोरबा //पुरातात्विक और अन्य साक्ष्यों से पता चलता है कि तैराकी का अभ्यास मिस्र में 2500 ईसा पूर्व से और उसके बाद असीरियन, ग्रीक और रोमन सभ्यताओं में किया जाता था। में ग्रीस और रोम तैराकी मार्शल प्रशिक्षण का एक हिस्सा थी और वर्णमाला के साथ, पुरुषों के लिए प्रारंभिक शिक्षा का भी हिस्सा […]

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