नई दिल्ली । नीट-यूजी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया। नोटिस राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक, 2024 में प्रश्नपत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को लेकर जारी किया गया है। इसके अलावा कोर्ट ने याचिकाओं को अलग-अलग हाईकोर्ट से शीर्ष अदालत में हस्तांतरित करने की मांग वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की याचिका पर भी सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।
जस्टिस विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के वकील की इस दलील पर गौर किया कि प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों के आधार पर नीट-यूजी को रद्द करने की मांग करने वाली कई याचिकाएं कई उच्च न्यायालयों में लंबित हैं।
पीठ ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं। इन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। इस बीच एनटीए ने कहा कि वह तीन अन्य याचिकाओं को वापस लेना चाहता है, जो उच्च न्यायालयों से मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग कर रही थीं, क्योंकि वे 5 मई को परीक्षा के दौरान समय की बर्बादी के कारण 1,563 उम्मीदवारों को अनुग्रह अंक देने से संबंधित थीं।
एनटीए के वकील ने क्या दलील दी?
एनटीए के वकील ने कहा कि अब मामला सुलझ गया है और वह 1,536 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द करने के फैसले और शीर्ष अदालत के 13 जून के आदेश के बारे में उच्च न्यायालय को सूचित करेंगे। NEET-UG परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र और NTA ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने MBBS और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं।
बीते दिन केंद्र ने क्या कहा था?
केंद्र ने कहा था कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या ग्रेस मार्क्स को छोड़ने का विकल्प होगा। यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित होने थे, लेकिन समय से पहले जांच की वजह से इसे 4 जून को घोषित कर दिया गया था। इसके बाद विवाद शुरू हुआ। कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर 10 जून को दिल्ली में कई छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। सात उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में मामले दायर किए गए।
रिजल्ट पर बवाल क्यों?
NTA के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए
इसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र के छह छात्र भी शामिल थे
इसके बाद अनियमितताओं का संदेह होना शुरू हुआ
आरोप है कि ग्रेस मार्क्स के कारण 67 छात्रों को शीर्ष रैंक मिली है।