Friday, May 9, 2025

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समर कैंप : आत्मरक्षा में पारंगत हो रहे विद्यार्थी -डाॅ. संजय गुप्ता

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के समर कैंप में आत्मरक्षा के गुर सीख रहे विद्यार्थी, ताइक्वांडो एवं कराटे से हो रहे प्रशिक्षित

विद्यार्थियों को मिल रही सुरक्षा और खेलों की नई दिशा -डाॅ. गुप्ता

ताइक्वांडो-कराटे से आत्मरक्षा के गुर सीखते विद्यार्थी, समर कैंप में दिखा उत्साह

आत्मरक्षा से सशक्त हो रहे विद्यार्थी, खेलों में दिखा रहे दमखम

दीपका – कोरबा //
सेल्फ डिफेंस अर्थात आत्मरक्षा का अर्थ है स्वयं की रक्षा करना । भारत का संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं की रक्षा व हिफाजत का अधिकार देता है । आत्मरक्षा के अधिकार के तहत व्यक्ति अपने प्राणों के बचाव के लिए किसी भी हद तक जा सकता है । संविधान प्रदत्त स्वयंरक्षा के अधिकार के गलत प्रयोग न करते हुए इसे जीवन उपयोगी बनाए रखने का प्रयत्न करना चाहिए । आत्मरक्षा सबका कर्तव्य है । खासकर आजकल बढ़ते भ्रष्टाचार तथा लूटमार के समय में स्वयं को बचाना बहुत जरूरी है । प्रत्येक राष्ट्र के कानून में सेल्फ डिफेन्स के लिए प्रावधान किए जाते हैं । प्रत्येक नागरिक को अपने इस अधिकार के प्रति जागरूक रहना चाहिए । खासकर महिलाओं तथा लड़कियों को विपरीत परिस्थितियों में इस अधिकार का उपयोग करना चाहिए ताकि स्वयं को खतरे में महसूस करने की स्थिति में वह अपने अधिकार का सही उपयोग कर सके ।


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में संचालित समर कैंप मैं प्रतिदिन विद्यार्थी कराटे एवं ताइक्वांडो की विभिन्न विधियों एवं कलाओं से पारंगत हो रहे हैं।अलसुबह जब विद्यार्थी कतारबद्ध होकर एक विशेष वेशभूषा में ताइक्वांडो हेतु खड़े होते हैं तो एक ऊर्जामयी माहौल स्वतः निर्मित हो जाता है।विद्यार्थियों की ऊर्जा और उत्साह देखते ही बनता है।एक विशेष नाद से पूरा परिसर गुंजित हो जाता है।रोजाना ताइक्वांडो एवं कराटे की कई शैलियों से विद्यार्थी पारंगत हो रहे हैं।


ताइक्वांडो प्रशिक्षक श्री लीलाराम ने ताइक्वांडो के बारे में बताते हुए कहा कि उन्हें खेल एवं खेलों का महत्व प्रारंभ से ही रहा है यह न केवल हमें शारिरिक रुप से मजबूत करता है अपितु हम मानसिक रुप से भी स्वस्थ रहते हैं । जहाँ तक सेल्फ डिफेंस हेतु कराटे एवं ताइक्वांडो की बात है तो इस प्रतिस्पर्धा में राष्ट्रीय स्तर में भी हम भाग ले सकते हैं जिसमें अक्षय कुमार ट्राॅफी फेडरेशन कप और ओपन नेशनल टुर्नामेंन्ट शामिल है । इन गेमों को बहुत ही जल्दी एसजीएफआई और युनिवर्सिटी गेम्स में भी शामिल कर लिया जाएगा । ताइक्वांडो को बहुत ही शीघ्र युवा एवं खेल विभाग भारत सरकार के द्वारा शिक्षा में शामिल कर मान्यता प्रदान कर दी जाएगी ।


विद्यालय के प्राचार्य डाॅ. संजय गुप्ता ने कहा कि आज लड़कों के साथ ही लड़कियाँ भी प्रत्येक क्षेत्र में आगे हैं । आज वे पुरूषों से बराबरी कर राष्ट्र की सेवा कर रही है । आज भी लड़कियों एवं महिलाओं के प्रति असुरक्षा बनी रहती है । आज यदि कराटे एवं ताइक्वांडो जैसी आत्मरक्षा के गुणों से लड़कियाँ भलीभांति शिक्षित व प्रशिक्षित है तो वे पूरे आत्मविश्वास के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकती है । सेल्फ डिफेंस हममें आत्मविश्वास पैदा करता है । विद्यालय में भी बच्चों को नियमित रूप से सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई है । आज की स्थिति को देखते हुए यह बहुत ही आवश्यक हो गया है । आत्मरक्षा के गुर यदि हमंे आते हैं तो हम सुरक्षित हैं ।हमारा यही प्रयास रहता है कि विद्यार्थी सीखने का कोई भी अवसर ना छोड़ें।दिन प्रतिदिन कोई नई चीज सीखें और अपना भविष्य उज्जवल करें।

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