ग्रामीण औद्योगिक पार्क से दीदियों ने बेचा 14 लाख का गोबर पेंट

छत्तीसगढ़

बैकुण्ठपुर । दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी हुई महिलाओं को स्वरोजगार के लिए निरंतर रीपा केंद्रों में स्वरोजगार की गतिविधियां संचालित हो रही हैं और इनसे जुड़कर महिलाओं को आर्थिक लाभ भी हो रहा है। जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर से लगे हुए ग्राम पंचायत मझगंवा स्थित गौठान में बनाए गए ग्रामीण औद्योगिक पार्क में गोबर पेंट बनाकर अब तक समूह की महिलाओं ने 14 लाख 80 हजार रूपए का व्यवसाय किया है। इस गोबर पेंट विक्रय से अब तक समूह की महिलाओं को लगभग 3 लाख रूपए से ज्यादा का लाभ भी प्राप्त हुआ है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीइओ डॉ आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि ग्राम पंचायतों में महिला समूहों को जोड़कर बिहान के माध्यम से निरंतर पहले अल्प बचत और फिर उसी से आगे स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना कर उन्हे व्यवसायिक गतिविधियों में भी संलग्न कर आत्म निर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है। कोरिया एवं एमसीबी जिले को मिलाकर अब तक दस ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाए गए हैं जिनमें अलग अलग समूह की महिलाओं के माध्यम से उनकी आजीविका गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है।  महात्मा गांधी रीपा के संचालन के संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीइओ डॉ आशुतोष ने बताया कि कार्य दिवसों में प्रात 11 बजे से लेकर षाम 5 बजे तक सभी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में समूह में संलग्न महिलाओं के द्वारा निरंतर गतिविधियां की जा रही हैं। इनमें लगातार मांग अनुसार उत्पादन की प्रक्रिया भी संचालित हो रही हैं।

     कोरिया जिले के ग्राम पंचायत मझगंवा स्थित ग्रामीण औद्योगिक पार्क में गोबर पेंट ईकाई का संचालन समूह के माध्यम से किया जा रहा है और यहां अब तक 6 हजार 850 लीटर गोबर पेंट का उत्पादन समूह से जुड़ी महिलाओं ने किया है। गोबर पेंट विक्रय से अब तक 14 लाख 80 हजार रूपए का व्यवसाय प्राप्त हुआ है और महिला समूह को अब तक 3 लाख 10 हजार रूपए का लाभ अर्जित हुआ है। इसी तरह यहां पेपर कप बनाने वाले समूह को अब तक एक लाख दस हजार रूपए की आय प्राप्त हो चुकी है। समूह की महिलाओं ने 75 सौ से ज्यादा बोरी बनाकर यहां लगभग 70 हजार रूपए की आय प्राप्त की है। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि अविभाजित कोरिया जिले के अन्य रीपा केंद्रों में भी निरंतर आजीविका गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है और ग्राम पंचायत की देखरेख में ग्रामीण आजीविका मिषन से जुड़ी हुई महिलाओं के द्वारा स्वरोजगार मूलक गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। इन सभी रीपा केंद्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और उनके देखरेख में समूह की महिलाएं कार्य कर रही है।