अरविंद केजरीवाल को CM पद से हटाने की दूसरी याचिका भी खारिज

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की याचिका खारिज कर दी है। इसी के साथ कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कई बार व्यक्तिगत हित से ऊपर राष्ट्रहित को रखना होता है। बता दें कि शराब नीति मामले में केजरीवाल जेल में बंद हैं, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, “यह केजरीवाल का व्यक्तिगत फैसला होगा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहना चाहिए या नहीं। कभी-कभी व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन रखना पड़ता है।” कोर्ट ने ये भी कहा कि याचिका का समाधान उपराज्यपाल या राष्ट्रपति के पास है और याचिकाकर्ता उनसे प्रार्थना कर सकते हैं। कोर्ट की टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
कोर्ट ने कहा, “हम कैसे कह सकते हैं कि सरकार काम नहीं कर रही है। उपराज्यपाल यह फैसला लेने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्हें हमारी सलाह की जरूरत नहीं है। वो कानून के मुताबिक काम करेंगे। इस मामले में उपराज्यपाल या राष्ट्रपति ही सक्षम हैं।” याचिकाकर्ता ने कहा कि वो अब उपराज्यपाल के समक्ष अपील दायर करेंगे। बता दें कि यह जनहित याचिका हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई थी।
28 मार्च को भी हाई कोर्ट ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की याचिका खारिज कर दी थी। तब कोर्ट ने कहा था, “अगर कोई संवैधानिक विफलता है तो राष्ट्रपति या राज्यपाल इस पर कार्रवाई करेंगे। क्या इसमें न्यायिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश है? उपराज्यपाल इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं। यह राष्ट्रपति के पास जाएगा। यहां इसमें न्यायिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।” ये याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने दायर की थी।
केजरीवाल दिल्ली के कथित शराब नीति मामले में जेल में बंद हैं। ED का आरोप है कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों के फायदे के लिए अपनी नई शराब नीति में बदलाव किए थे और इसके बदले में रिश्वत ली थी। ED ने केजरीवाल को इसका सरगना बताया है। आरोप है कि उन्होंने शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा करने वाले विजय नायर को अपना बंदा बताया था। उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।