मुख्यमंत्री के गृह ग्राम बगिया से आंखों देखा हाल…

छत्तीसगढ़ रायपुर

बगिया/रायपुर । रात करीब पौने ग्यारह बज चुके थे। ग्राम बगिया को दुल्हन की तरह सजाया गया है। चारों तरफ उत्साह और उत्सव का माहौल है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के घर में उत्सव के गीत गाये जा रहे हैं। लोग खुशी से झूम रहे हैं। शुभ घड़ी के इस पल में स्वागत के लिए पूरे गांव के साथ साथ पूरा अंचल उमड़ पड़ा है। सब रतजगा के लिए तैयार है।

ग्राम कुक्सेरा से पहुंचे जयपाल साय और घनश्याम साय अपने  साथियों के साथ जशपुर की हाड़ कंपाने वालीं ठंड में अपने आप को ऊर्जावान महसूस करते हुए बताते है कि विष्णु जब से विधायक बने हैं तब से उनके साथ है। कभी उन्होंने साथ नही छोड़ा। हमारे घर में भोजन भी किए है। उनकी सादगी, सेवा और सरलता से यहां का बच्चा बच्चा वाकिफ है। वे दोपहर से ही अपने मुखिया का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लग रहा है कि रामजी आज घर आ रहे हैं। पूरे गांव में उल्लास का वातावरण है। जिधर देखो वहां नृत्य और उत्सव का माहौल है। गांव में सामूहिक भोज लगातार जारी है। गांव के लोगों ने बताया कि  शायद ही किसी के घर चूल्हा जला है। गांव में करमा दल, उड़ीसा का नृत्य, भिडो नृत्य ,नाटक प्रस्तुति, धार्मिक पूजन के साथ राज्य की संस्कृति, परंपरा की झलक देखने को मिल रही है।

मुख्यमंत्री साय के रिश्तेदार राम कुमार साय ने बताया कि मुख्यमंत्री बनने से लोगो की उम्मीदें बढ़ गई है। उन्हें पूरा विश्वास है कि अंचल का विकास अब तीव्रता से होगा। अब रायगढ़ से जशपुर के लिए सड़क और रेलमार्ग की सुविधा आसान होगी। इस अंचल में पेयजल की व्यवस्था भी दुरुस्त होगी।

इसके आलावा स्वास्थ्य, शिक्षा के लिए भी मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज भी खोलने की उम्मीद बंधी है। ग्राम कोनपारा से यहां पहुंचे पदमन पटेल और रघुनंदन साय ने कहा कि यहां महाविद्यालय की दरकार है । विद्यार्थियों को  पढ़ाई के लिए तपकरा जाना पड़ता है। इसी तरह एक सर्व सुविधायुक्त अस्पताल की भी आवश्यकता है।

ग्राम राजौरी के शिव नारायण साय ने कहा कि वे मुझसे उमर में छोटे है लेकिन काम में बड़े है। उनका हर काम समाज को समर्पित है। हमारे गांव में उनकी खेती है। जब भी वे खेत जाते हैं मुझसे मिलते है और घर में चाय पीते हैं। उन्होंने बताया कि उनके आध्यात्मिक गुरु मेरे भी गुरु हैं। उनका आशीर्वाद उन्हें भरपूर मिला है। उनके अनुसार ये गुरु का ही आशीर्वाद है जो  मुख्यमंत्री सेवा, सत्य और संकल्प के भाव के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जिसमें वे अवश्य सफल होंगे। न जाने कितनी ही उम्मीदों और विश्वास के साथ आज ग्राम बगिया अपने मुखिया का इंतजार कर रहा हैं। लेकिन मुख्यमंत्री तो सबका साथ और सबका विकास के साथ सबका विश्वास लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

“कब आवे रघुनाथ हमारे, अवध के नर-नारी पुकारे”

संकीर्तन के माध्यम से कलश सजाकर और सिर में कलश लेकर बगिया की महिलाएं यह गीत गा रही हैं। जब प्रदेश का मुखिया जो अपने ही गांव का हो तो सचमुच ऐसे ही भाव आएंगे जैसे अयोध्यावासियों को श्रीराम के लौटने पर आए होंगे। गहरे भाव से भरे इन लोकगीतों का इस वक्त चुनाव स्वयं ही इन ग्रामीणों के जज्बात बयान कर देता है।