रायपुर । छत्तीसगढ़ की नई नक्सल पुनर्वास नीति अक्टूबर 2024 तक तैयार कर ली जाएगी। नई नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को जिला स्तर पर नामित किए गए अधिकारी की देख-रेख में तीन साल गुजारने होंगे।
इस अवधि में नक्सलियों को 10 हजार रुपये का मासिक भत्ता दिया जाएगा। संगठन में अहम स्थान रखने वाले नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
जबकि मध्यम और निचले स्तर के नक्सलियों को 2.5 लाख रुपये अनुदान के तौर पर दिए जाएंगे। यह राशि आत्मसमर्पण के तीन साल बाद आचरण, व्यवहार के आधार पर दी जाएगी।
नक्सल अभियान से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत सरकार का स्पष्ट मत है कि या तो नक्सली आत्मसमर्पण करें नहीं तो उन्हें खत्म करने के लिए सरकार का अभियान चलता रहेगा।
23 से 25 अगस्त तक छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नक्सली आत्मसमर्पण करें नहीं तो उन्हें पाताल से भी खोजकर मारेंगे।
उन्होने बताया था कि केंद्र सरकार ने नक्सलियों का पूरी तरह सफाया करने के लिए मार्च 2026 तक का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। बस्तर में लगातार सुरक्षा बलों के शिविरों की संख्या बढ़ाई जा रही है जिससे अंदरूनी क्षेत्रों तक विकास पहुंचे।
पुनर्वास नीति पर ये भी होंगे प्रविधान
आत्मसमर्पित नक्सलियों के न्यायालयीन मामले सुलझाने के लिए पुलिस की मदद मिलेगी। उन्हें जीवन गुजारने के लिए कौशल विकास योजना से जोड़कर हुनरमंद बनाया जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास शिविरों का आयोजन किया जाएगा। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के हथियारों जैसे एके 47, एसएलआर, भरमार बंदूक, पिस्टल का मूल्यांकन कर उसकी राशि दी जाती है। यह राशि भी बढ़ाई जाएगी। उन्हें निवास के लिए मनचाहे शहर या गांव का विकल्प दिया जाएगा। कम ब्याज पर लोन मिलेगा।
गृहमंत्री बोले- मुख्यधारा से जुड़ें, जीवन आगे बढ़ाएं
उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर के युवा नक्सली ना बनें। जो नक्सली हैं वे सरेंडर करें, मुख्य धारा में आएं। भटके हुए युवाओं से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सभी ने कहा है मुख्य धारा में जुड़ें, जीवन आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा- नक्सल पुनर्वास के लिए जल्द लाएंगे व्यापक नीति
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा पीड़ित और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए व्यापक नीति जल्द लाई जाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आमजनों का विश्वास अर्जित करने और नक्सलियों के उन्मूलन के लिए आक्रामक रणनीति जारी रहेगी। जनता और शासन प्रशासन के बीच निरंतर संवाद जनता के बीच विश्वास पैदा करता है।
नक्सल मोर्चे पर जवानों की बहादुरी, कौशल और पैरा मिलेट्री फोर्सेस के साथ समन्वय से प्रदेश में नक्सलियों के पांव उखड़ रहे है। इस साल सुरक्षा बलों द्वारा 108 मुठभेड़ों में 153 नक्सलियों के शव और बड़ी मात्रा हथियार विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। इस दौरान 34 फारवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना, चार नवीन सीआरपीएफ बटालियनें आवंटित हुई है।