छत्तीसगढ़ सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में छत्तीसगढ़ को विकसित और समृ़द्ध राज्य बनाने के लिए रोड मैप की स्पष्ट रूप रेखा भी दिखती है। छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में सेवाक्षेत्र को बढ़ावा देने की रणनीति शामिल की गई है। आईटी सेक्टर, हेल्थ डेस्टिनेशन, ईको-टूरिज्म सर्किट, वेडिंग डेस्टिनेशन, बिजनेस टूरिज्म, कान्फ्रेंस डेस्टिनेशन जैसे नये उभरते हुए संभावनाओं वाले क्षेत्रों का लाभ प्रदेश के युवाओं और उद्यमियों को मिलेगा।
बजट में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए खुले मन से राज्य में निवेशकों का स्वागत करने की बात कही गई है, इसके लिए राज्य में रेड टेपिज्म के स्थान पर रेड कारपेट की नीति होगी। उद्योगों की स्थापना के लिए ‘मिनिमम गर्वमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ की नीति पर काम होगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस, सिंगल विण्डो प्रणाली, ऑनलाईन परमिशन, मिनिमम परमिशन जैसी नीति लागू होंगी। पब्लिक-प्राइवेट-पॉर्टनरशिप के लिए नीति आयोग और भारतीय प्रबंध संस्थानों के विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की भौगोलिक विशेषताओं के अनुरूप आर्थिक विकास के लिए विकेन्द्रीकृत नीति पर काम होगा, इसके लिए विकेन्द्रीकृत विकास पॉकेट की स्थापना की जाएगी। रायपुर, भिलाई सहित आसपास के क्षेत्रों को स्टेट कैपिटल के रूप में विकसित करने की योजना भी तैयार की जाएगी। इन क्षेत्रों में विश्व स्तरीय आईटी सेक्टर, वेडिंग डेस्टिनेशन, हेल्थ डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। नवा रायपुर, अटल नगर में ‘लाईवलीहुड सेंटर ऑल एक्सीलेंस’ एवं दुर्ग जिले में ‘सेंटर ऑॅफ एंटरप्रेन्योरशिप’ स्थापित किया जाएगा। स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए इन्यूबेशन सेंटर की स्थापना तथा बी.पी.ओ. एवं के.पी.ओ. को आकर्षित करने के लिए आई.टी. पार्क की स्थापना की जाएगी।
छत्तीसगढ़ राज्य के बजट में रायपुर, नवा रायपुर अटल नगर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरबा एवं रायगढ़ जैसे प्रमुख नगरों को ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित करने की बात कही गई है। कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, उरला, सिलतरा जैसे क्षेत्रों में वहां की आवश्यकता के अनुरूप औद्योगिकरण की नीति बनायी जाएगी। मैदानी कृषि प्रधान जिलों में कृषि आधारित विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए विशेष फोकस किया जाएगा।
बस्तर-सरगुजा क्षेत्र में आर्थिक विकास की दृष्टि सें एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए सार्थक पहल की जाएगी। इन क्षेत्रों को इको-टूरिज्म एवं नैचरोपैथी डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के पांच शक्तिपीठों को धार्मिक, पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। बस्तर क्षेत्र में लघु वनोपज प्रसंस्करण हेतु उद्योगों की स्थापना की जाएगी। सरगुजा क्षेत्र में उद्यानिकी एवं मछली पालन की संभावनाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस प्रकार समन्वित प्रयास करते हुए इन क्षेत्रों की आर्थिक संभावनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अनेक अवसरों पर कहा है कि हमने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का संकल्प लिया है। हमारा लक्ष्य विकसित छत्तीसगढ़ बनाना है। हम विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को पूरा करने के लिए बजट में तैयार किए गए रोडमैप के अनुरूप कार्य करेंगे। राज्य की अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित करने और उच्च विकास दर हासिल करने के लिए बजट में अनेक प्रावधान किये गये हैं, इस वर्ष राज्य के बजट में पूंजीगत व्यय में वृद्धि की गयी है।