दुष्कर्मी चढ़ा पुलिस के हत्थे

अंबिकापुर छत्तीसगढ़

स्कूल से छात्रा का अपहरण, जान से मारने की धमकी देकर किया था दुष्कर्म

अंबिकापुर।
अंबिकापुर में स्कूली छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद से आरोपी पुलिस को चकमा देकर लगातार छुप रहा था। पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया है। घटना लुंड्रा थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के मुताबिक, 9 मार्च को पीड़िता की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि नौ मार्च की सुबह 11 बजे स्कूल के फादर फोन करके बोले कि उनकी बेटी को बैग स्कूल के गेट के पास फेंका हुआ है, और वह स्कूल नहीं आई। इस सूचना पर महिला अपने भांजा के साथ अपनी बेटी को खोजने निकली थी। स्कूल के पास दोपहर 2 बजे एक लड़का के साथ पीड़िता दिखी, वह लड़का पीड़िता को छोड़कर भाग गया।
मां द्वारा बेटी से पूछने पर उसने बताया कि लगभग 7 बजे संदीप तुरी नाम का युवक मोटर सायकिल से स्कूल गेट के पास आया। छात्रा का बस्ता फेंक दिया और उसे जबरदस्ती डराते-धमकाते हुए करौली स्टोर रूम से कुछ दूर नहर के पास झाड़ी में ले गया। यहां मारने की धमकी देते हुए पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के द्वारा चिल्लाने पर उसे मोटर सायकिल में बैठाकर स्कूल के पास छोड़कर भाग गया। घटना की जानकारी के बाद पीड़िता और उसकी मां थाना लुण्ड्रा पहुंची और दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत् अपराध प्रकरण पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
एसपी विजय अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच कर आरोपी को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। तलाशी और जाँच के दौरान मुखबीर से पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी कोरिया पटना, विश्रामपुर, प्रतापपुर, शंकरगढ़ बलरामपुर एवं अन्य संभावित जगहों पर छुपा हुआ है। लेकिन पुलिस के पहुंचने पर आरोपी संदीप बार-बार अपनी जगह बदल कर फरार होने में कामयाब हो जाता था। इसी दौरान तकनीकी/मुखबीरी माध्यम से पता चला कि ग्राम लाउ राजपुर में आरोपी छुपा हुआ है। थाना लुण्ड्रा पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी की घेराबंदी कर पकड़ा गया। मामले मे गिरफ्तार आरोपी संदीप उर्फ पिन्टू तुरी पिता श्री नान्हू तुरी, उम्र 20 वर्ष, निवासी ग्राम आमगांव, थाना लुण्ड्रा, जिला सरगुजा। आरोपी के धरपकड़/गिरफ्तारी में थाना लुण्ड्रा से आरक्षक अनिल बड़ा, हेमंत लकड़ा, जगेश्वर तिर्की, अनिल मरावी, दीपक पाण्डेय, महिला आरक्षक प्रेमा मरावी एवं चौकी रघुनाथपुर से मकरध्वज पैंकरा इत्यादि कर्मचारियों की भूमिका रही।