राजकोट । राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में लगी आग के मामले में अब तक 27 शव बरामद किए गए हैं। सिविल अस्पताल में मृतकों का डीएनए लिया गया है। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने यह जानकारी दी है। बता दें, शनिवार शाम पांच बजे भीड़भाड़ वाले गेम जोन में भीषण आग लग गई थी। 25 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार सुबह घटना स्थल और अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
पुलिस आयुकत्त भार्गव का कहना है कि मामले में रविवार तड़के छह लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308, 336, 338, 114 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मैनेजर नितिन जैन और एक अन्य युवक युवराज सोलंकी को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि मामले में हमने एक लोक अभियोजक की नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।
गेमिंग जोन के पास नहीं था फायर एनओसी
अधिकारी ने आगे कहा कि कहा कि गेम जोन के लिए सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी। फायर एनओसी प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था। हालांकि, वह फिलहाल प्रक्रिया में था और अभी तक पूरा नहीं हुआ है। गेम जोन में अग्नि सुरक्षा उपकरण थे लेकिन आग बुझाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। उन्होंने स्थानीय अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं लिया था। एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन की मदद से लगभग दो-तीन मंजिला इमारत की ऊंचाई के साथ 50 मीटर चौड़ी और 60 मीटर लंबी संरचना बनाई थी।
इनके खिलाफ एफआईआर
राजकोट के पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों के अलावा, धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, रेसवे एंटरप्राइज के पार्टनर अशोकसिंह जाडेजा, किरीटसिंह जाडेजा, प्रकाशचंद हिरन, युवराजसिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।