Sunday, January 19, 2025

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खेल खेलने से शरीर में फुर्ती बनी रहती हैं – डॉ संजय गुप्ता



इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में आयोजित हुआ इंटर हाउस कबड्डी कंपटीशन

दीपका/कोरबा।

खेलकूद से मनुष्य के जीवन में शक्ति का संचार होता है। जीवन में ताजगी और स्फूर्ति मिलती है। प्रत्येक मनुष्य के लिए आज यह आवश्यक हो गया है कि वह अपने आपको खेलों से जोड़कर, जीवन को सहज बनाकर जीने का प्रयास करे। यही सहजता उसके जीवन को ऊपर उठाकर उसे आनंदित जीवन जीने में सहायक होगी। हमारे जीवन में खेलों का विशेष महत्व है। पढ़ने-लिखने या मानसिक श्रम के बाद जब बालक या युवा खेल के मैदान में जाता है, तो उसका मन स्फूर्ति एवं उत्साह से भर जाता है। वह हर कार्य को प्रसन्नता से भरकर करने लग जाता है। खेल से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है।


स्वास्थ्य जीवन की आधारशिला है। स्वस्थ मनुष्य ही अपने मे जीवन सम्बन्धी कार्य को भली-भौँति पृर्ण कर सकते हैं। स्वास्थ्य के सम्बन्ध में प्रसिद्ध लोकोक्ति है, जैसे-‘ पहला सुख निरोगी काया’, ‘जान हैं तो जहान है’ आदि। यदि स्वास्थ्य मनुष्य का साथ नहीं देता, तो वह अपने कर्तव्यों का पालन सहज रूप से नहीं कर सकता। मनुष्य चाहे जितना भी पौष्टिक या सन्तुलित आहार क्यों न ले ले, वह तब तक शक्ति संवर्द्धन नहीं कर पाता, जब तक खेलकूद व व्यायाम को अपने जीवन का अंग न बना ले। खेलने से माँसपेशियाँ मजबूत होती हैं, रक्त प्रवाह तेज होता है, पाचन शक्ति बढ़ती है, अस्थियाँ मजबूत होती हैं, शरीर का अनावश्यक पदार्थ पसीना बनकर बह जाता है, त्वचा स्वस्थ बनी रहती है, भूख बढ़ती है तथा शरीर सुडौल व सुगठित बन जाता है।
खेलकर प्रसन्नता का अनुभव करना केवल मनुष्यों का ही स्वभाव नहीं है, पशु-पक्षियों को भी किलोल करते हुए देखा गया है। कभी-कभार मदमस्त प्रकृति को भी भिन्न-भिन्न रंग बिखेरते हुए हम देखते हैं। खेल न केवल मानसिक तनाव को दूर करता है बल्कि हमारा मनोरंजन भी करता है। आज अनेक प्रकार की होने वाली खेल स्पर्धाएं इसका प्रमाण हैं। विद्यार्थी के जीवन में भी खेल का विशेष महत्व है। बालक जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को खेल भावना से ग्रहण करने में अभ्यस्त हो जाते हैं तथा शिक्षा प्राप्ति में आने वाली बाधाओं को हँसते-हँसते पार कर सफलता के सर्वोच्च शिखर तक पहुँच जाते हैं। विद्यार्थी इसके साथ-साथ ही स्वावलंबी व अपने चरित्र का निर्माण करने में भी समर्थ होता है।


खेलकूद से मनुष्य के जीवन में शक्ति का संचार होता है। जीवन में ताजगी और स्फूर्ति मिलती है। प्रत्येक मनुष्य के लिए आज यह आवश्यक हो गया है कि वह अपने आपको खेलों से जोड़कर, जीवन को सहज बनाकर जीने का प्रयास करे। यही सहजता उसके जीवन को ऊपर उठाकर उसे आनंदित जीवन जीने में सहायक होगी।
कबड्डी सात खिलाड़ियों की दो टीमों के बीच खेली जाती है। इसे 20 मिनट के दो हिस्सों में खेला जाता है, जिसमें पाँच मिनट का अंतराल होता है। इसके लिए 12.5×10 मीटर के छोटे नरम प्राकृतिक मिट्टी के मैदान की आवश्यकता होती है, और दिलचस्प बात यह है कि इस खेल को खेलने के लिए किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है ।
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में इंटर हाउस कबड्डी प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने अपना दमखम दिखाया। रोचक मुकाबले में सभी हाउस के विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया। कबड्डी के इस खेल में विद्यार्थियों की ऊर्जा वा उत्साह देखते ही बनता था। सूरज की
तपिस और मौसम की उमस के बीच भी कबड्डी के प्रति विद्यार्थियों का जोश कम नहीं हुआ। इस कड़े मुकाबले में पहले राउंड में 27 पॉइंट के साथ तोपाज हाउस ने और 12 पॉइंट के साथ रूबी हाउस ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। वहीं दूसरे राउंड में टोपाज हाउस ने अच्छा प्रदर्शन किया और 27 अंक के साथ फाइनल में अपनी जगह निश्चित की। कबड्डी के फाइनल मैच के राउंड में फाइनल मैच रूबी हाउस और सफायर हाउस के मध्य खेला जाएगा। विद्यार्थियों ने अति उत्साह के साथ कबड्डी खेल का आनंद लिया। सभी विद्यार्थी बेसब्री से फाइनल राउंड मैच देखने को उत्सुक हैं जो कि आगामी कार्य दिवस को खेला जाएगा। कबड्डी के पूरे खेल में सभी हाउस के विद्यार्थियों के अतिरिक्त विद्यालय के शिक्षक श्री लीलाराम यादव एवं कुमारी स्नेहा का विशेष योगदान रहा।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर के संजय गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि कबड्डी भारतीय संस्कृति का प्रतीक बन गया है, जो स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देता है और ग्रामीण परंपराओं का जश्न मनाता है। इस खेल ने शारीरिक गतिविधि के महत्व पर प्रकाश डालने में मदद की है और भारतीय खेल उद्योग को एक नई दिशा प्रदान की है।
खेल मानसिक, शारीरिक, और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमें स्वस्थ रखने, दिमाग की क्षमता को विकसित करने, सामरिकता का अभ्यास करने, और टीमवर्क करने का अवसर प्रदान करता है। यह हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है और हमें सकारात्मक रूप से सोचने, संघर्ष करने, और जीतने की क्षमता प्रदान करता है।


शोध से पता चला है कि बचपन और उसके बाद स्वस्थ विकास के लिए खेल बहुत ज़रूरी हैं। खेल बच्चों को वह सब सीखने का मौका देता है जो वे जानते हैं और वह भी जो वे नहीं जानते। यह उन्हें परीक्षण और त्रुटि के माध्यम से प्रयोग करने, समस्याओं का समाधान खोजने, सर्वोत्तम रणनीतियों पर काम करने और नए आत्मविश्वास और कौशल विकसित करने का मौका देता है।

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