शिक्षकों ने प्राचार्य सहित किया होली का पूजन एवं गिले-शिकवे भूल कर लगाया एक दूसरे को रंग
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के सभी स्टाफ ने एक-दूसरे को रंग लगाकर एवं गले मिलकर दी होली की बधाईयाँ
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका का प्रांगण हुआ होली के रंगों से सराबोर
दीपक – कोरबा I
भारत त्योहारों का देश है। जहाँ हर रंग के रंगों से सजी त्योहारों की खुशी, उल्लास और मौज से धरती सराबोर होती है। ऐसे में जब मास हो फागुन का तो धरती पर रंगों की छटा देखते ही बनती है। फागुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन में अपने समस्त बुराइयों का दहन करने के पश्चात अगले दिन सुबह से ही सृष्टि रंगीन चादर ओढ़े प्रतीत होती है। हर वर्ग के लोग इन रंगों में खो जाते हैं ंफिर चाहे वो बच्चा हो, युवा हो या 85 वर्ष का बूढ़ा हो। सबके चेहरे पर होली की खुशी और विशिष्ट व्यंजनों के स्वाद से चारों ओर उमंग का संचार होता है। ऐसे में धरती का कोई कोना ऐसा नहीं होता जो होली के सतरंगी रंग से न रंगा हो। होली समानता का प्रतीक है, जैसे प्रकृति किसी भी भेदभाव के बिना अपनी पवन, अपनी वर्षा, धूप, सब लोगो मे समान बांटती है। वैसे ही होली के रंग भी बिना किसी भेदभाव के खेलने वालों को समान रूप से एक जैसा रंग देता है । गुलाल और रंग-बिरंग रंगों मे रंगकर सारे होली खेलने वाले एक जैसे रंग-बिरंगे बन जाते है और तब ऐसा प्रतीत होता है, की सारे भेद-भाव, ऊँच-नीच मिट गए हैं। इस तरह होली सब के एक समान होने का संदेश देती है। होली का सर्वाधिक उमंग बच्चों में होता है जो सुबह से ही अपने टोली में झूमते और रंग उड़ाते दिखाई देते हैं। बच्चों के ऐसे रंगीन माहौल से भला विद्यालय कैसे अछूता रह सकता है।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में होली के पावन अवसर पर इंडस पब्लिक स्कूल के स्टाफ ने एक-दूसरे को रंग लगाकर एवं गले मिलकर होली की बधाईयाँ दी । प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं सहित होलिका का पूजन किया एवं सभी के कुशलता की कामना करते हुए होलिका दहन किया। कार्यक्रम में सभी स्टाफ ने अपने प्राचार्य एवं कर्मचारियों को तिलक लगाकर बधाइयां दी एवं संकल्प लिया कि होली में स्वयं को, दूसरों को एवं प्रकृति को नुकसान पहुँचाए बिना होली की खुशियाँ बाटेंगे और दूसरों को भी ये समझाएंगे कि सावधानी से होली खेलें, केमिकल वाले रंगों का प्रयोग न करें। होली दिल की खुशी को जाहिर करता है, मन के भाव को व्यक्त करता है और दूसरों के प्रति आपका प्रेम व्यक्त करता है। इसलिए कीचड़ और रंगों से किसी को सराबोर कर स्वास्थ्य एवं पानी की बरबादी के स्थान पर तिलक लगाकर प्यार से एक-दूसरे को गले लगाकर होली का आनंद उठाएंगे।
इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने सभी बच्चों को तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया एवं समझाया कि वे होली में इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों के प्रति सजग रहें। स्वयं भी केमिकल वाले रंगों का प्रयोग न करें और दूसरों को भी करने से रोकें होली खेलने के लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें।
इस कार्यक्रम में आयोजित फाग गायन प्रतियोगिता में संबोधित करते हुए विद्यालय के संगीत शिक्षक श्री पवन दास ने खूबसूरत फाग सुनाया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय को वसंत ऋतु के स्वागत स्वरूप विशेष रूप से होली थीम पर डेकोरेट किया गया था । इस पूरे आयोजन में एकेडमिक को ऑर्डिनेटर श्रीमती सोमा सरकार सहित सभी स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने सभी को होली की अग्रिम शुभकामनाएँ देते हुए कहा होलिका दहन का प्राचीन महत्व बताया। इससे हमें सीख मिलती है कि हम अपने अंदर की बुराइयों को जलाकर जीवनभर सदाचारी बनें। जिस प्रकार हम एक दूसरे पर रंग व गुलाल डालकर इसे प्यार से मनाते हैं। उसी प्रकार गुरु की सहायता से ध्यान व अभ्यास द्वारा ज्ञान की सच्ची होली अपने अंदर खेले। होली पर्व हमें भाईचारे का संदेश देता है इसलिए मिलजुलकर ही इस पर्व को मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि होली हमेशा सूखे रंगों से ही खेलनी चाहिए। होली पर पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए बल्कि लोगों को पानी बचाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
भारत दुनिया में एकलौता एक ऐसा देश है जहाँ सभी धर्मों के लोग एक साथ भाईचारा बनाकर रहते हैं । सभी धर्म और संप्रदाय के त्योहारों को पूरे भारत में मनाया जाता है जो भाईचारे की मिशाल पेश करता है। होली एक ऐसा प्रसिध्द त्योहार है जिसे केवल हिंदु ही नहीं बल्कि सभी धर्म के लोग बड़े प्रेम और उल्लास के साथ मनाते हैं । इस पवित्र दिन में पूरा भारत रंग-बिरंगे रंगों से झुम उठता है । सभी लोग अपने पुराने गिले शिकवे छोड़कर एक साथ होली मनाते हैं । होली हर्षोल्लास और भाईचारे का संदेश देने वाला त्योहार है । यह त्योहार स्नेह और एकता का प्रतीक माना जाता है । होली रंगों का त्योहार है। इस त्योहार में हमें मन सें आपसी वैमनस्य को त्याग कर प्रेमपूर्वक लोगों को गले लगाना चाहिए।