बच्चों को जिम्मेदार बनाना एवं समाजिकता का विकास करना ही हमारा उद्देश्य-डॉ गुप्ता

कोरबा छत्तीसगढ़

विद्यार्थी भविष्य में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का प्रयत्न करते हैं तो वहीं दुसरी ओर उनके मन से डर का भाव खत्म होता है -विधायक प्रेमचंद पटेल

आयोजन से विद्यार्थियों के मनोबल में वृद्धि होती है -श्रीमती आभा सक्सैना ( प्रेसिडेंट दीक्षा महिला मंडल)

सांस्कृतिक कार्यक्रम हममें एक रसता का भाव पैदा करता है – डॉक्टर (शशी सिंधु प्रेसिडेंट एसीबी महिला मंडल )

सांस्कृतिक गतिविधियो से छात्रों में एकता व अनुशासन का विकास होता है- जसपाल मठ प्राचार्य डीपीएस बिलासपुर

स्वयं व्यवसाय कर लेन-देन की बारीकियों सहित अर्थव्यवस्था की भी सीख मिलती है आनंद मेले में बच्चों को- सब्यसाची सरकार

विद्यार्थियों में बेवजह बंदिशें न लगाएं अपितु विद्यालय में ऐसे ही आयोजन कर उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अवसर अवश्य दें-श्रीमती सोमा

आई. पी. एस. दीपका में मनोरंजन मेले स्वरूप ’फन फेयर’ का हुआ सफल आयोजन

दीपका-कोरबा I

हमारे देश की यही खासियत है कि यहाँ लोग हर छोटे-बड़े लम्हों में खुशियों की तलाश करते हैं । जीवन की व्यस्ततम भागदौड़ में हम लोग हर पल में खुशियाँ तलाशते रहते हैं । निरंतर कार्य करते रहने के पश्चात हम शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से तनाव व थकान महसूस करते हैं । तब आवश्यकता अनुभव होने लगती है कुछ आकर्षक व मनोरंजक आयोजनों या कार्यक्रमों की । इसी प्रकार विद्यालय में भी वर्षभर विद्यार्थी पढ़ाई सहित विभिन्न क्रियाकलापों में व्यस्त रहते हैं चूंकि विद्यालय का प्रथम कर्तव्य ही यही है कि वह अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों का शारीरिक व मानसिक विकास करे अतः विद्यार्थियों में एक नई ऊर्जा व उत्साह का संचार करने के लिए विद्यालय में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे-निबंध प्रतियोगिता, कविता वाचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, खेलकूद प्रतियोगिता इत्यादि । उपर्युक्त सभी आयोजनों से अलग व आकर्षक एक आयोजन है आनंद मेला । इस मेले का आनंद व उत्साह ही न्यारा होता है ।
आई. पी. एस. दीपका में एक विशेष आयोजन रखा गया जिसका नाम था मनोरंजन मेले स्वरूप “फन फेयर“ और आई. पी. एस. दीपका ने सभी गेवरा-दीपका वासियां को अपने इस “फन फेयर“ के आयोजन में सादर आमंत्रित किया था।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में यूँ तो प्रत्येक आयोजनों को एक अलग तरीके से आयोजित किया जाता है लेकिन इस वर्ष विद्यालय में आयोजित आनंद मेला विभिन्न दृष्टिकोणों से अलग था । स्कूल में हर वह पल जहॉ से ज्ञान एवं जागरूकता का सबक मिलें, बच्चों को अवसर दिया जाता है कि इसमें वो अपनी प्रतिभा को दिखा सकें फिर बाल दिवस के साथ ही क्रिसमस का सुअवसर कैसे रह सकता है?
आनंद मेला में पूरी व्यवस्था विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा पहली वीं से लेकर 12 वीं तक विद्यार्थियों ने संभाली । एक से बढ़कर एक आकर्षक व सजे हुए स्टालों को देखकर सबका मन प्रफुल्लित हो जाता था साथ विभिन्न स्टालों में विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों की भी भरमार थी । एक तरफ जहाँ बच्चों के पसंदीदा मैगी, पास्ता, पेटीस व आईसक्रीम थे तो वहीं दूसरी ओर गुपचुप चाट, भेल, मामोस, समोसे जैसे चटपटे व्यंजनों सहित चाय, कॉफी, लस्सी इत्यादि की व्यवस्था थी । कई स्टालों में आकर्षक गेम्स को सम्मिलित किया गया था ।
कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के तैल्य चित्र में माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्वलित के साथ की गई । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता सहित मुख्य अतिथि के रूप में श्री प्रेमचंद पटेल जी (विधायक कटघोरा विधानसभा क्षेत्र) उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री पारुल पदवार एवं सुखेंदु सिंह राय ने किया । कार्यक्रम में प्री-प्रायमरी व प्रायमरी तथा मिडिल स्तर के विद्यार्थियों द्वारा आकर्षक नृत्य व गीत की प्रस्तुति की गई । नन्हे-मुन्हें बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रस्तुति ने भी सबका मन मोह लिया । नन्हे मुन्ने बच्चों ने अपनी माताओं के साथ रैंप वॉक कर सबको प्रफुल्लित कर दिया।साथ ही कुछ बच्चों ने डॉक्टर के रूप में, कोई सैनिक, किसान, वकील तो कोई आम नागरिक की हैसियत से लोगों को सफाई व विभिन्न बीमारियों से बचाव की सीख देता दिखा ।
कक्षा चौथी एवं पांचवी के नन्हे मुन्ने छात्राओं ने ओरी चिरैया गीत की मनमोहक एवं कर्णप्रिय प्रस्तुति दी, सती कुमारी निशा ने छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत अरपा पैरी के धार की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावकों सहित आसपास के निवासियों ने शिरकत की और अपना सहयोग दिया । साथ ही लजीज व्यंजनों का जमकर आनंद लिया ।
विद्यालय में आयोजित इस रंगारंग मनोरंजन एवं आकर्षक फन फेयर की सबसे खास बात यह थी कि विभिन्न फायर स्टॉल, विभिन्न स्टेटस को रिप्रेजेंट कर रहे थे जैसे छत्तीसगढ़,गुजरात, उड़ीसा ,राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गोवा ,महाराष्ट्र ,बिहार इत्यादि और प्रत्येक स्टॉल पर इस राज्य से संबंधित वेशभूषा के साथ उसी राज्य के व्यंजन भी प्रस्तुत किए गए थे। जो कि अपने आप में एक अद्वितीय व अद्भुत नजारा था।
इसके साथ ही इस मनोरंजन फन फेयर में अभिभावकों एवं विद्यार्थियों के मनोरंजन हेतु अलग-अलग प्रकार के आकर्षण झूलों की भी व्यवस्था की गई थी विभिन्न रोचक एवं मनोरंजन के गेम्स के माध्यम से भी आगंतुकों ने खूब एंजॉय किया।साथ ही जाय राइड्स का भी अभिभावकों व विद्यार्थियों ने आनंद लिया। स्टॉल के मध्य लगे आकाशक सेल्फी स्टैंड में भी अभिभावकों ने अपने बच्चों सहित सेल्फी खींचकर इस पल को अपने कमरे में कैद किया।इस बेहतरीन पल को खुशनुमा एवं यादगार बनाने में विद्यालय के सभी स्टाफ एवं विद्यार्थियों सहित चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का अहम योगदान रहा।
प्रेमचंद पटेल,( विधायक कटघोरा विधानसभा क्षेत्र ) ने कहा कि विद्यालयों में इस प्रकार के आयोजन से न सिर्फ अभिभावकों का मनोरंजन होता है अपितु बच्चों में भी सामाजिकता का विकास होता है । एक ओर वे भविष्य में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का प्रयत्न करते हैं तो वहीं दुसरी ओर उनके मन से डर का भाव खत्म होता है ।
श्रीमती आभा सक्सेना ( प्रेसिडेंट दीक्षा महिला मंडल) ने अपने प्रेरणादाई उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के आयोजन से विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों के मनोबल में वृद्धि होती है साथ ही उनकी छिपी हुई प्रतिभा को सामने लाने का एक मंच मिलता है। ऐसे आयोजन विद्यालयों में होने चाहिए इससे सामाजिकएक रसता का विकास होता है ।विद्यार्थियों की आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
डॉ शशि सिंधु प्रेसिडेंट (एसीबी महिला मंडल) ने कहा कि इंडस पब्लिक स्कूल वैसे तो प्रत्येक सामाजिक सरोकारों में सतत रूप से योगदान देता रहा है और आज का यह भव्य आयोजन जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया। यह आयोजन वाकई काबिले तारीफ है। मैं इंडस पब्लिक स्कूल के सभी स्टाफ एवं विद्यार्थियों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं ऐसे कार्यक्रम के होने से न सिर्फ हमें सामाजिक सद्भाव की भावना का विकास होता है। तभी तो हम अपने देश के संस्कृति एवं परंपराओं से भी रूबरू होते रहते हैं। भारत को ऐसे ही अनेकता में एकता का देश नहीं कहा जाता।
श्री जसपाल मठ प्रिंसिपल डीपीएस बिलासपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यालय सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन से बालकों को अभूतपूर्व लाभ मिलता है और उन्हें मात्र सैद्धांतिक जीवन के बजाय प्रैक्टिकली जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है जिससे वे भावी जीवन के लिए आने वाले संघर्षों और कठिनाइयों से मुकाबला करने के लिए तैयार होते हैं।ये गतिविधियाँ छात्रों को उनके दिमाग को ताज़ा करने और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती हैं, जिससे बेहतर एकाग्रता और उच्च ग्रेड प्राप्त होते हैं। इसके अतिरिक्त, सांस्कृतिक गतिविधियाँ रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं और सीखने के कौशल को बढ़ाती हैं।


विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि विविध पाठ्य सहगामी क्रियाओं के साथ-साथ अनेक मोरंजक कार्यक्रम भी बच्चों के मानसिक विकास में सहायक होते हैं । इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास व आत्मनिर्भरता का भी विकास होता है साथ ही वे लेन-देन के माध्यम से मुद्रा के विनिमय व अर्थव्यवस्था का भी पाठ सीखते हैं । इस मस्ती मेले के आयोजन का एक मात्र उद्देश्य बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास एवं प्रायोगिक स्तर पर व्यवसायिक ज्ञान देना है। इंडस स्कूल का उद्देश्य बच्चों को जिम्मेदार बनाना है, मेले के आयोजन से होने वाले लाभ को दान करने से बच्चों में सामाजिकता एवं नैतिकता के मूल्यों का विकास होगा एवं बच्चे भविष्य में भी ऐसे अवसरों पर इस तरह के कार्य करने हेतु आगे आयेंगें।
विद्यालय के शैक्षणिक प्रभारी सव्यसाची सरकार ने कहा कि विद्यार्थियों को स्वयं के व्यवसाय से लेन-देन सहित अर्थव्यवस्था की भी जानकारी मिलती है साथ ही उनमें आत्मविश्वास, रचनात्मकता व आपसी सामंजस्य की समझ भी विकसित होती है ।
प्री-प्रायमरी व प्रायमरी स्तर की शैक्षणिक प्रभारी श्रीमती सोमा सरकार ने कहा कि विद्यार्थियों में रचनात्मकता एवं आत्मविश्वास का विकास यदि हम देखना चाहते हैं तो उन पर बेवजह बंदिशें न लगाएं अपितु विद्यालय में ऐसे ही आयोजन कर उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अवसर अवश्य दें । इससे न केवल वे अपनी क्षमता व कार्य-कुशलता का प्रदर्शन करेंगें अपितु उनमें सामंजस्य की भावना भी विकसित होगी ।