रोजगार का वादा कर खुलवाए खाते, ट्रांसफर करने लगी सट्टे की रकम…

छत्तीसगढ़ रायपुर

रायपुर । रायपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें गरीब महिलाओं को रोजगार का झांसा देकर उनके नाम से खोले गए बैंक खातों में 15 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध लेन-देन किया गया। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि इन खातों का उपयोग ऑनलाइन सट्टेबाजी के धन को ट्रांसफर करने के लिए किया गया। धोखाधड़ी का आरोप समाजसेवी शोभा ठाकुर पर लगाया गया है, जिन्होंने महिलाओं के एटीएम कार्ड और पासबुक लेकर उनका दुरुपयोग किया।

महिलाओं को झांसे में लेकर खोले खाते
पुरानी बस्ती थाने में समाजसेवी शोभा ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि शोभा ठाकुर, जो नारी शक्ति पार्टी नामक संस्था की संचालिका हैं, ने सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और रोजगार का वादा कर महिलाओं के नाम से बैंक खाते खुलवाए। पीड़ित महिलाओं ने शिकायत दर्ज करवाई कि शोभा ने उनसे 100-100 रुपये लेकर कर्नाटका बैंक में खाते खुलवाए और उनके नाम पर सिम कार्ड भी लिया गया, लेकिन एटीएम कार्ड और पासबुक अपने पास रख ली।

ऑनलाइन सट्टेबाजी में इस्तेमाल हुए खाते
पुलिस जांच में पाया गया कि इन बैंक खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टेबाजी की रकम को ट्रांसफर करने में किया गया। प्रारंभिक जांच में यह भी खुलासा हुआ कि शोभा ठाकुर की संस्था किसी भी सरकारी विभाग में पंजीकृत नहीं है। इस मामले ने महिलाओं को भारी संकट में डाल दिया है, क्योंकि उनके नाम पर करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन हुआ है।

लेन-देन का ब्यौरा
जांच के दौरान पुलिस ने लेन-देन का ब्यौरा पेश किया, जिसमें विभिन्न महिलाओं के खातों में बड़ी धनराशि का ट्रांसफर हुआ। कुछ प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं:
    नंदिनी देवांगन: ₹77.25 लाख
    कोमल सेंटरे: ₹59.90 लाख
    दामिनी वर्मा: ₹2.41 करोड़
    रितू सेंदरे: ₹49.74 लाख
    रेशमा सोनी: ₹35.74 लाख
    योगिता सेंदरे: ₹5.60 लाख
    प्रीतम ध्रुव: ₹3 करोड़
    पूर्णिमा माझी: ₹5.53 करोड़
    रजुला बाघ: ₹1.66 करोड़
    लीला बघेल: ₹2.88 करोड़

पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुरानी बस्ती के सीएसपी राजेश देवांगन ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेजी से की जा रही है। पुलिस ने शोभा ठाकुर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। बैंक खातों की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री की भी विस्तार से जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि धनराशि कहां से आई और उसका इस्तेमाल किस उद्देश्य के लिए किया गया।

आगे की कार्रवाई
पुलिस अब जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है। समाजसेवा की आड़ में की गई इस धोखाधड़ी ने न केवल महिलाओं को आर्थिक संकट में डाला है, बल्कि पूरे शहर में सनसनी फैला दी है।