महासमुंद। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत एस. आलोक ने बुधवार को ज़िला पंचायत परिसर से कुपोषण मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके ज़रिए गाँव-गाँव घर-घर से कुपोषण एवं एनीमिया से ग्रसित बच्चों, किशोरियों, युवतियों, धात्री एवं गर्भवती महिलाओं की पहचान की जाएगी, इन चिन्हित लोगों की उनके निकटतम आँगनबाड़ी पर जाँच की जाएगी और फिर अंततः कुपोषण एवं एनीमिया से ग्रसित बच्चों, किशोरियों, युवतियों, धात्री एवं गर्भवती महिलाओं का बेहतर उपचार कर ख़ानपान से कुपोषण दूर किया जाएगा। महासमुंद को कुपोषण मुक्त करने का पूरा प्रयास हो रहा है। इसमें सफलता भी मिल रही है।
सीईओ एस. आलोक ने कहा कि कुपोषण मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम जिला प्रशासन और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाए जा रहे कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए जन आंदोलन, समुदाय आधारित गतिविधि एवं संबंधित विभागों के अंतर समन्वय से तय समय सीमा के अंदर माता व बच्चों को कुपोषण में प्रतिवर्ष कमी लाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले के 50 चिन्हित स्थान जहां कुपोषण अधिक है, वहां लोगो को जागरूक किया जाएगा। कुपोषण लोगों को पहचान कर उन्हें पोषित किया जाएगा। कुपोषण मुक्ति हेतु नुक्कड़ नाटक आदि कार्यक्रम के लोगों को जागरूक किया जाएगा।
ज़िला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकसित समीर पांडे ने बताया कि कुपोषण मुक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य ज़िले में कुपोषण को खत्म करना है। पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान के तहत संचालित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों को सूचीबद्ध रूप से संचालित की जाएगी।
स्वयं सेवियों के माध्यम से एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिन की सहभागिता से गांव गांव तक पहुंच कर लोगां को कुपोषण के लिए जागरूक करना मुख्य उद्देश्य है। आगामी समय में स्वयं सेवी, तुंहर द्वार के माध्यम से कार्यक्रम को वृहद रूप दिया जाएगा। जिससे स्वस्थ महासमुंद की परिकल्पना सार्थक हो पाएगी। कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवी शामिल रहे। यूनिसेफ जिला सलाहकार ऋषभ तिवारी ने बताया कि स्वयंसेवियों के माध्यम से हम किस प्रकार से जिले को कुपोषण मुक्त बना सकते है। कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र से बृजेश सिंह, निलेश तिवारी, जिला पोषण समन्वयक रिया दत्ता उपस्थित थी।