छत्तीसगढ़ के 4 बीएड–डीएलएड कॉलेजों की मान्यता NCTE ने की रद्द
रायपुर। एनसीटीई ने देशभर के 380 महाविद्यालयों समेत छत्तीसगढ़ राज्य के चार बीएड/ डीएड कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी है। जिसके चलते छत्तीसगढ़ की 250 सीटें कम हो गई हैं। अब इस शैक्षणिक सत्र में इन सीटों पर प्रवेश नहीं हो पाएगा। वार्षिक रिपोर्ट पेश नहीं करने और नोटिस की अनदेखी करने पर एनसीटीई […]
रायपुर।
एनसीटीई ने देशभर के 380 महाविद्यालयों समेत छत्तीसगढ़ राज्य के चार बीएड/ डीएड कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी है। जिसके चलते छत्तीसगढ़ की 250 सीटें कम हो गई हैं। अब इस शैक्षणिक सत्र में इन सीटों पर प्रवेश नहीं हो पाएगा। वार्षिक रिपोर्ट पेश नहीं करने और नोटिस की अनदेखी करने पर एनसीटीई ने यह कदम उठाया है।
बीएड और डीएलएड महाविद्यालयों को मान्यता नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन एनसीटीई के द्वारा दी जाती है। एनसीटीई इन कॉलेजों के शैक्षणिक गतिविधियों की निगरानी भी करता है। सभी महाविद्यालयों को अनिवार्य रूप से शैक्षणिक सत्र की संपूर्ण जानकारी की वार्षिक रिपोर्ट एनसीटीई को सौंपनी होती है। छत्तीसगढ़ के चार कॉलेजों समेत देशभर के 380 कॉलेजों ने शैक्षणिक सत्र की संपूर्ण जानकारी वाली वार्षिक रिपोर्ट एनसीटीई को नहीं भेजी। इसके लिए एनसीटीई द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट की भी अनदेखी कॉलेजों द्वारा की गई, जिसके चलते एनसीटीई की मान्यता देने वाली कमेटी ने अपनी 423 वीं बैठक में छत्तीसगढ़ के चार कॉलेजों के साथ ही देश भर के 380 कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी है। जिसके चलते इन महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025–26 में प्रवेश नहीं हो पाएगा।
राज्य में 140 बीएड महाविद्यालय हैं, जिनमें बीएड की लगभग 14,500 सीटें हैं। 89 महाविद्यालयों में डीएलएड पाठ्यक्रम संचालित है। डीएलएड की छत्तीसगढ़ में 6700 सीटें हैं। जिन चार महाविद्यालयों की मान्यता समाप्त हुई है, वहां बीएड, डीएलएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रम है। मान्यता समाप्त होने के बाद अब प्रदेश में बीएड-डीएलड की सीटों में कमी आ जाएगी। इनमें बीएड की 100, डीएलएड के 100 और बीएससी बीएड की 50 सीट है। यानी लगभग 250 सीटें कम हो जाएगी।
जिन कॉलेजों की मान्यता समाप्त कि गई है उनमे कांति दर्शन महाविद्यालय, राजनादगांव, श्रीराम शिक्षा महाविद्यालय, राजनादगांव, श्री शिरडी साईं शिक्षण, अंबिकापुर, श्री कृष्णा कॉलेज, जांजगीर-चापा ।