सुकमा । नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों ने अब नकली नोट छापना शुरू कर दिया है। संगठन के बड़े कैडरों ने अपने लड़ाकों को नकली नोट छापने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया है। पुलिस ने 23 जून को तलाश अभियान के दौरान नक्सलियों द्वारा नकली नोट बनाने की मशीन, नकली नोटों के सैंपल, विस्फोटक और हथियार बरामद किए।
आश्चर्य है कि नकली नोट छापकर उसका प्रचलन करना राष्ट्रद्रोह है और ऐसे मामलों में एनआईए ऐक्शन लेती है पर बस्तर में नक्सलियों द्वारा जाली नोटों को छापे जाने को लेकर एनआईए को भनक तक नहीं है।
पुलिस अधीक्षक किरण चौहान ने बताया कि नक्सलियों द्वारा नकली नोट छापकर उन्हें बाजार में खपाने की सूचना मिलने पर जिला बल, जिला रिजर्व पुलिस बल बस्तर फाइटर और 50 वाहिनी केंद्रीय सुरक्षा बल की संयुक्त टीम विशेष नक्सल गश्त और सर्चिंग के लिए ग्राम मैलासूर, कोराजगुड़ा, दंतेशपुरम और आस-पास के क्षेत्रों की ओर रवाना हुई। अभियान के दौरान सुरक्षा बल जंगल और झाड़ियों में सर्च करते हुए आगे बढ़ रहे थे। ग्राम कोराजगुड़ा के जंगल और पहाड़ी क्षेत्र में नक्सली सुरक्षा बलों की गतिविधियों को देखकर भागने में सफल हो गए। घटना स्थल की सघन सर्चिंग के बाद, विभिन्न स्थानों पर छिपाकर रखे गए नकली नोट बनाने का उपकरण, कलर प्रिंटर मशीन, इन्वर्टर मशीन, कलर इंक, और 50, 100, 200, और 500 रुपये के नकली नोटों के सैंपल बरामद किए गए। इसके साथ ही भरमार बंदूक, वायरलेस सेट, मैग्जीन पाउच, नक्सली काली वर्दी, और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी मिली। चौहान ने बताया कि भोले-भाले आदिवासियों को धोखे में रखकर नक्सली अंदरूनी क्षेत्रों के साप्ताहिक बाजारों में लंबे समय से नकली नोट खपा रहे थे। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022 में बड़े नक्सली कैडरों ने प्रत्येक एरिया कमेटी के एक-एक सदस्य को नकली नोट छापने का प्रशिक्षण दिया था। प्रशिक्षण के बाद, ये प्रशिक्षित नक्सली अपने-अपने एरिया कमेटी में नकली नोट छापकर उन्हें अंदरूनी क्षेत्रों के साप्ताहिक बाजारों में खपा रहे थे।इस सख्त कार्रवाई के बाद, पुलिस ने नक्सलियों के इस आर्थिक संसाधन पर एक बड़ा प्रहार किया है, जिससे उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। पुलिस प्रशासन का यह कदम बस्तर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।