सुकमा । जिले के एक गांव में बने प्रभु राम के मंदिर को 21 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद खोला गया है। नक्सलवाद के गढ़ माने जाने वाले सुकमा के लखापाल और केरलापेंदा गांव के बीच जंगल में 1970 में बने मंदिर को नक्सलियों ने 2003 में बंद करा दिया था।
दोनों गांव के लोग मांस-मदिरा का सेवन नहीं करते थे, जिसकी वजह से नक्सली नाराज हो गए और उन्होंने मंदिर को बंद करा दिया। राम मंदिर को सोमवार को सीआरपीएफ ने खुलवाया। मंदिर में प्रभु राम, माता सीता व लक्ष्मण की संगमरमर की मूर्तियां हैं। लखापाल में सीआरपीएफ ने कैंप खोला था। इस दौरान जवानों ने मंदिर के बारे में पूछताछ की, तो पता चला कि यह ऐतिहासिक मंदिर है, यहां मेला भी लगता था। लेकिन, नक्सलियों ने इसे बंद करा दिया।
सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के कैंप कमांडर हिमांशु पांडे ने बताया कि गांव में सीआरपीएफ कैंप लगने से ग्रामीण काफी उत्साहित हैं। खासतौर पर मंदिर फिर से खुलने से बहुत खुश हैं। मंदिर की मरम्मत करने के बाद इसे ग्रामीणों को सौंप दिया गया है। यहां फिर से वही परिवार पूजा करने लगा है, जो पहले करता था।