नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के कैंप पर दागे देशी राइफल ग्रेनेड, बाल-बाल बचे जवान…
नारायणपुर । नस्कलियों ने नारायणपुर के इरकभट्टी में बने सुरक्षाबल के नए कैंप पर देशी राइफल ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले में कुछ जवानों को चोट आई है, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं ग्रेनेड की चपेट में आने से एक जवान बाल-बाल बचा। घटना 5 जून की बताई जा रही है। इस हमले से […]
नारायणपुर । नस्कलियों ने नारायणपुर के इरकभट्टी में बने सुरक्षाबल के नए कैंप पर देशी राइफल ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले में कुछ जवानों को चोट आई है, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं ग्रेनेड की चपेट में आने से एक जवान बाल-बाल बचा। घटना 5 जून की बताई जा रही है। इस हमले से कैंप के अंदर अफरा-तफरी मच गई। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें जवान नक्सलियों के हमले से बचते हुए जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं।
नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि नक्सलियों ने देशी राइफल ग्रेनेड से हमला किया था। नक्सलियों द्वारा चार हमले किए गए थे, जिनमें से एक ग्रेनेड कैंप के अंदर फट गया। मोर्चे पर तैनात जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले। पुलिस ने पहले बयान में कहा था कि कैंप और सभी जवान सुरक्षित हैं।
एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि अंदरुनी इलाकों में लगातार बढ़ते विकास कार्यों से नक्सली बौखला गए हैं। कोहकामेटा से इरक भट्टी होते हुए कुतुल तक के लिए पक्की सड़क और सभी नालों में पुल का निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है। नियद नेल्लानार योजना के तहत सभी कैंप के करीबी पांच गांवों को सरकारी योजनाओं का प्राथमिकता से लाभ मिल रहा है, जिससे नक्सली बैक फुट पर जा रहे हैं। इसी कारण इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं।
31 मार्च को खुला था इरकभट्टी कैंप
नारायणपुर पुलिस और 135वीं वाहिनी ने नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र के ग्राम इरकभट्टी में नया कैंप 31 मार्च को खोला था। ग्राम इरक भट्टी, ओरछा ब्लाक, कोहकामेटा तहसील और थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। इरक भट्टी में नया कैंप स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह और सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। कैंप स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी और अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। साथ ही नक्सल उन्मूलन अभियान में भी तेजी आई है। नवीन कैंप स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फाइटर और 135वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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