सुकमा । सुरक्षाबलों को लगातार कार्रवाई से नक्सली संगठन टूटने की कगार पर है। कई सदस्य या तो मुठभेड़ में मारे गए हैं, या फिर गिरफ्तार हुए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है। इसके चलते बस्तर के नक्सली आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और पैसों की कमी को पूरा करने के लिए अब नकली नोट छापना शुरू कर दिया है। इसके लिए संगठन के बड़े कैडर्स ने अपने लाल लड़ाकों को नोट छापने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग भी दी है। नकली नोट छापकर बस्तर के साप्ताहिक बाजारों में खपाते हैं। सुकमा पुलिस ने नक्सलियों के नकली नोट छापने का खुलासा किया है।सुकमा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि भेज्जी थाना क्षेत्र के मैलासूर, कोराजगुड़ा, दंतेशपुरम और इसके आस-पास क्षेत्र के जंगलों में भारी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। मुखबिर की इसी सूचना के बाद सुकमा से जिला बल, डीआरजी, बस्तर फाइटर्स और सीआरपीएफ के जवानों को सर्चिंग पर निकाला गया था। जब जवान कोराजगुड़ा की तरफ पहुंचे तो नक्सलियों को इनके आने की सूचना मिल गई थी। जिसके बाद सभी नक्सली अपना सामान मौके पर छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने सर्चिंग ऑपरेशन में नक्सलियों के हथियार समेत दैनिक उपयोग के सामान, नकली नोट का सैंपल, प्रिंटर, प्रिंटर स्याही बरामद किया।भारी तादात में प्रिंटर, स्याही और 50, 100, 200 और 500 के नकली नोट के सैंपल मिलने से नक्सलियों के नकली नोट छापने का खुलासा हुआ।
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