तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है….ओ मां! वो खुद पूरी रात जागकर हमें सुलाती है, चाहें कितनी भी हों मुश्किलें हंसकर हर तूफान से लड़ जाती है, देख परेशान हमें वो भी मुरझा जाती है! अरे वो मां ही तो है जो हमारे दुखों को गले से लगाती है । मदर्स डे की पूर्व संध्या पर इंटरनेट मीडिया पर ऐसे संदेशों से बच्चों ने मां के साथ बिताए पलों को याद किया। न्यायधानी में मदर्स डे को अनोखे अंदाज में सेलीब्रेट करने बच्चों ने खास प्लानिंग किया है। यानी रविवार का दिन बहुत स्पेशल होगा। वैसे तो हर दिन मां का दिन होता है लेकिन साल में एक ऐसा भी दिन आता है जब हम उस दिन को मां को समर्पित करते हैं। प्यार, स्नेह, दुलार का सबसे अनुपम दिन। वास्तव में मां शब्द में न जाने कितने मतलब छिपे हैं। त्याग की मूर्ति, ममता की छवि और धरती पर ईश्वर का प्रतिरूप, कुछ ऐसे ही विशेषण हैं जो मां को दिए जाते हैं। सच तो ये है कि उस मां की तारीफ शब्दों में बयान करना मुश्किल नहीं नामुमकिन है। फिर भी शहरवासी अपने-अपने अंदाज में इस दिन को खास बनाने हर संभव प्रयास करेंगे।
मदर्स डे पर परिवर्तन एक आशा की किरण की ओर से आनलाइन क्लास के माध्यम से हस्तकला प्रशिक्षक प्रीति ठक्कर जी ने नन्हें-मुन्ने बच्चो की निशुल्क आनलाइन क्लास लिया। मानवधिकार सहायता संघ की जिला प्रचार मंत्री प्रीति ठक्कर, किरण पाठक, अश्वनी यादव एवं अन्य सदस्यों का सहयोग से बच्चों को ग्रीटिंग्स बनाने सिखाया गया जिसमें बच्चों ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर एक से बढ़कर ग्रीटिंग्स बनाया। इसमें अलग-अलग राज्यों के बच्चे भी शामिल हुए।