

माँ – भगवान का वो रूप, जो हमारे साथ हर पल रहता है – जिपं उपाध्यक्ष कोरबा
‘माँ’ केवल एक शब्द नहीं, बल्कि अपने आप में एक संपूर्ण एहसास और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है-डॉ. संजय गुप्ता
इंडस पब्लिक स्कूल, दीपका में मदर्स डे पर हुआ भव्य आयोजन
दीपका – कोरबा //
माँ , एक अक्षर के इस शब्द में वह जादू समाया है जिसे समझना किसी के बस कि बात नहीं है । माँ के जैसा निस्वार्थ तो ईश्वर भी नहीं होता, थके बच्चे के लिए लोरियाँ और हारे बच्चे के लिए थपकियाँ केवल माँ के पास होती है । माँ को लेकर अनेक कविताएँ लिखी गई है जिनमें माँ की महत्ता का अहसास होता है ।
माँ संवेदना है, भावना है, एहसास है, माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है । रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है । माँ मरूस्थल में नदी या मीठा झरना है । माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है, माँ पूजा की थाली है और मंत्रो का जाप है । माँ कलम है, दवात है, स्याही है, माँ स्वयं परमात्मा की मुरत है । माँ केवल एक शब्द नहीं अपने आप में पूरा संसार है । जिसमें हम सुकुन से रहते हैं । माँ की गोद एक ऐसी जगह है जहाँ आकर जिंदगी की सारी परेशानियाँ, उलझने और तकलीफे थम जाती है । किसी ने सच ही कहा है कि इस दुनिया का सबसे सुरक्षित ठिकाना माँ की गोद है । माँ की हैसियत का तो हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते । अपने अरमानों को सुलाकर हमारे सपनों को पूरा करने वाली है माँ ।
ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिये खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधो को सम्मान देने के लिए मदर्स डे आरंभ किया गया था इसी परिप्रेक्ष्य में दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में मदर्स डे के उपलक्ष्य पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
हर एक के जीवन में माँ एक अनमोल इंसान के रूप में होती है । सुबह के समय वह बहुत प्यार से हमें बिस्तर से उठाती है और रात को प्यारे सपनों के साथ कहानियाँ सुनाकर सुलाती है । ऐसी अनेक भावनाओं को व्यक्त करते हुए विविध कार्यक्रम जो कि नृत्य एवं गीतों के रूप में बच्चों के द्वारा मदर्स डे के अवसर पर प्रस्तुत किया गया जिसमें एकल गीत, समूह गीत, समूह नृत्य एवं मन को छु लेने वाले विचार जो कि माँ के लिए था,प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम में आमंत्रित सुपर मॉम की पदवी से सम्मानित माताओं को प्राचार्य के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती निकिता मुकेश जायसवाल (उपाध्यक्ष जिला पंचायत कोरबा) एवं श्री मुकेश जायसवाल (समाज सेवक) उपस्थित थे। साथ ही विद्यालय में पढ़ने वाले एवं समर कैम्प में भाग लेने वाले अन्य विद्यालय के बच्चों की माताओं को भी विद्यालय में मदर्स डे के अवसर पर सहसम्मान आमंत्रित किया गया । गणमान्य अतिथियों के समक्ष संचालक के रूप में सुश्री श्रद्धा कश्यप ने सर्वप्रथम अपने दिल की भावनाओं को व्यक्त करते हुए जीवन में माँ के महत्व को बताया तत्पश्चात बच्चों के द्वारा नृत्य एवं गीत के माध्यम से माँ और उसकी ममता का बखान किया गया । मां की श्रद्धा,स्नेह एवं समर्पण से परिपूर्ण इस कार्यक्रम की अतिथि श्रीमती निकिता मुकेश जायसवाल (जिला पंचायत उपाध्यक्ष कोरबा ) ने विद्यालय की इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि हमारे जीवन में माँ की भूमिका हमेशा अलग होती है और जीवन में शामिल दूसरे लोगों से अनमोल होती है । माँ का पूरा दिन हमारी जरूरतों को पूरा करने में बीत जाता है । वो अपने बच्चो से कुछ भी वापस पाना नहीं चाहती बल्कि हमें खुले दिल से प्यार करती है ।
मुकेश जायसवाल (समाज सेवक ) ने अपने उद्बोधन में कहा कि माँ का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। वे हमारी पहली शिक्षिका, मार्गदर्शिका और सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। उनका प्यार, त्याग और समर्पण हमारे जीवन में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। माँ हमें हमेशा बिना शर्त प्यार करती हैं और हर परिस्थिति में हमारा समर्थन करती हैं।
श्रीमती अमिता साहू ने कहा कि हमने भगवान को कभी नहीं देखा और देखने की जरूरत भी नहीं क्योंकि माँ की सुरत के जैसे ही भगवान की मुरत होगी । माँ का पूरा दिन हमारी जरूरतों को पूरा करने में बीत जाता है ।
जीवन में माँ का महत्व बहुत अधिक होता है। वह हमारी पहली गुरु, सबसे बड़ी सहारा और प्यार की सबसे बड़ी स्रोत होती है। माँ हमें जीवन के लिए तैयार करती है, हमारी शिक्षा और पालन-पोषण करती है, और हमें सही दिशा दिखाती है।
कार्यक्रम में सम्मिलित माताओं ने कहा कि माँ ही वो इंसान है जो अपने बच्चों के बुरे दिनों और बीमारियों में उनके लिए रात-रात भर जागती है । हमेशा बच्चों को सही राह पर आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन करती है और जीवन में सही कार्य करने को प्रेरित करती है । भावनाओं से भरे इस कार्यक्रम में मनोरंजन के रूप में उपस्थित माताओं के लिए अनेक मनोरंजक खेलों का आयोजन किया गया जिसमें माताओं ने उल्लासपूर्ण हृदय से अपनी सहभागिता दर्शायी । विजयी माताओं को विद्यालय की ओर से सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने माताओं के प्रति अपनी भावनाओं करते हुए कहा कि माँ और बच्चों के बीच में एक खास बंधन होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता कोई माँ कभी भी अपने बच्चों के लिए प्यार और परवरिश को कम नहीं करती लेकिन बड़ी विडम्बना है कि उस माँ के हम सभी बच्चे मिलकर भी उस माँ को थोड़ा सा प्यार नहीं दे पाते इसके बावजूद भी वो हमें गलत नहीं समझती और एक छोटे बच्चे की तरह हमें माफ कर देती है ।माँ हमेशा हमें प्यार, सहानुभूति और समर्थन देती है। उनका स्नेह हमें मानवता के मूल्यों की अहमियत समझने में मदद करता है।माँ न केवल हमें प्यार करती हैं, बल्कि जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं। माँ हमें सबसे अच्छी तरह समझती हैं और हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करती हैं। बचपन में जब हम शब्दों और भावनाओं को समझना सीख रहे होते हैं, तो माँ ही हमें सबसे पहले सिखाती हैं। उनकी दी गई शिक्षा जीवनभर हमारे साथ रहती है। मां ,मां केवल एक शब्द नहीं है, यह अपने आप में एक एहसास और प्यार है। जब हम मां कहते हैं तो जीवन की कई समस्याएं जादुई रूप से स्वत ही गायब हो जाती है।