रायपुर । राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन की अध्यक्षता में शुक्रवार को राजभवन में सैनिक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ के राज्य प्रबंधन समिति की 15वीं बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, व उनके आश्रितों के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा की गई एवं भूतपूर्व सैनिकों के हितों में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
राज्यपाल हरिचंदन ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘सशस्त्र सेना झंडा‘‘ दिवस पर संग्रह बढ़ाने के लिए सभी तरीकों पर ध्यान देना चाहिए ताकि पूर्व सैनिकों और महिलाओं के कल्याण के लिए और अधिक योजनाएं शुरू की जा सके। उन्होंने राज्य के दूरदराज के इलाकों में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ की सैनिक कल्याण टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि समर्पण के साथ देश की सेवा करने वाले हमारे बहादुर पूर्व सैनिकों की अच्छी तरह से देखभाल की जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बैठक में लिये गये निर्णयों से भूतपूर्व सैनिकों, उनकी विधवाएं एवं उनके परिजन लाभान्वित होंगे। राज्यपाल ने कहा कि भारत माता की सेवा में अपना जीवन गुजारने वाले वीर सपुतों का कल्याण करना सबका दायित्व और कर्त्तव्य है।
बैठक के दौरान भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं एवं उनके आश्रितों के हित में कई एजेन्डा बिदुओं पर निर्णय लिये गये। अनाथ बच्चों के निर्धारित आयु सीमा में बढ़ोतरी तथा सैनिक स्कूल में अध्यनरत बच्चों को दी जा रही आर्थिक अनुदान राशि में वृद्धि कर 30 हजार रूपये प्रतिवर्ष किया गया साथ ही ‘पुत्री विवाह सगुन‘ का नियोजन किया गया जिससे लाभार्थियों को अब 51 हजार रूपए की जगह 55 हजार 1 सौ रूपए की राशि प्रदान की जायेगी।
बैठक में मुख्य सचिव अभिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग मनोज पिंगुआ, वित्त विभाग के सचिव अंकित आनंद, जनरल अफसर कमाडिंग, मध्य भारत क्षेत्र, लेफटिनेन्ट जनरल पदम सिंह शेखावत, कार्यवाहक सचिव केन्द्रीय सैनिक बोर्ड, नई दिल्ली, कैप्टेन (भा.नौ) सतीश कुमार, अतिरिक्त महानिदेशक, पुनर्वास परिक्षेत्र मध्य कमान, लखनऊ ब्रिगेडियर विकम हिरू, मेजर जनरल संजय शर्मा (से.नि), विंग कमाण्डर ए श्रीनिवास राव (से.नि), कैलाश नाहटा एवं टी आर साहु राज्य प्रबंधन समिति छत्तीसगढ़ के सदस्य के रूप में उपस्थित थे।