जांजगीर-चांपा वनमण्डल के अंतर्गत सक्ती वन परिक्षेत्र में अवैध रूपसे संचालित दो आरा मिल और फर्नीचर मार्ट में हुई कार्रवाई की गई और 50 लाख मूल्य की मशीनरी और सागौन, साल, बीजा एवं अन्य प्रतिबंधित प्रजाति की लकड़ी तथा फर्नीचर जब्त किया गया।
जानकारी के अनुसार मुखबिर से वन विभाग को सूचना मिली कि सक्ती परिक्षेत्र के डभरा तहसील के घोघरी एवं खैरा में प्रतिबंधित लकड़ियों से फर्नीचर बनाया जा रहा है और उसके अवैध बिक्री की जा रही है। प्राप्त सूचना के आधार पर रायपुर सीसीएफ राजू अगासिमनी , बिलासपुर सीसीएफ प्रभात मिश्रा के निर्देशन में बलौदाबाजार वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल ,जांजगीर चांपा वनमंडलाधिकारी प्रियंका पांडे एवं प्रशिक्षु आईएफएस अक्षय दिनकर भोसले द्वारा इसकी जांच की गई तो सागौन तस्करी के गिरोह की जानकारी हुई।
9 मई को सक्ती परिक्षेत्र के अंतर्गत खैरा एवं घोघरी में खीर प्रसाद चंद्रा एवं रेशम लाल पटेल द्वारा अवैध रूप से संचालित आरा मिल को सील कर सामग्री जप्त कर ली गई है । ग्राम खैरा में खीर प्रसाद चंद्रा द्वारा स्वयं के घर में अवैध रूप से फर्नीचर मार्ट का संचालन कर रहा था। वहां संयुक्त टीम द्वारा दबिश दी गई और अवैध सागौन, साल, बीजा से निर्मित एवं निर्माणाधीन दीवान ,दरवाजे ,सोफा ,डाइनिंग एवं मशीनें जप्त की गई। इस कार्रवाई में परिक्षेत्र अधिकारी उड़नदस्ता संदीप सिंह, परिक्षेत्र अधिकारी सोना खान, सुनीत साहू , रेंजर दीक्षा बर्मन एवं अन्य अधिकारी कर्मचारियों का योगदान रहा।
खीर प्रसाद चंद्रा के घर पूर्व में भी वन विभाग द्वारा छापा मारा गया था और आरा मशीन तथा कीमती लकड़ियां जब्त की गई थी फिर भी खीर प्रसाद चंद्रा ने अपना अवैध कारोबार बंद नहीं किया। बल्कि पड़ोसी जिलों के जंगलों से बीजा ,सरई, सागौन जैसेप्रतिबंधित लकड़ी तस्करी कर फर्नीचर बनाने व बेचने का काम धड़ल्ले से कर रहा था। खैरा में यह अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा है। इस गांव की पहचान ही फर्नीचर निर्माण व बिक्री के लिए है।