महंत परिवार व कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की क़द्दावर नेत्री सरोज पांडेय चुनावी मैदान में
कोरबा I
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रतिद्वंदी दलों को चित करते हुए अपने पत्ते खोल दिये। दुर्ग महापौर,सांसद व राज्यसभा सदस्य रही राष्ट्रीय बीजेपी नेत्री को कोरबा भेजकर बीजेपी हाईकमान ने अपने 11 सीट जीतने के मंसूबे को और पुख़्ता कर दिया है। जांजगीर लोकसभा सीट का हिस्सा रहे कोरबा लोकसभा 2009 के पहले हुए परिसीमन से अस्तित्व में आई । जिसका विस्तार कोरबा ज़िले के अलावा जीपीएम,मनेंद्रगढ़ ज़िले तक है।
बीजेपी की आँधी में भी कांग्रेस का रहा वर्चस्व
2009 से इन पंद्रह वर्षों में दस वर्षों तक यहाँ कांग्रेस अपराजेय रही। 2009 में प्रदेश की 11 में 10 सीट बीजेपी के खाते में गई लेकिन नवीन कोरबा लोकसभा सीट के प्रथम चुनाव में डॉ चरणदास महंत कांग्रेस से विजयी रहे । 2019 के पिछले चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश में मात्र 2 सीट मिली जिसके कोरबा से डॉ महंत की धर्मपत्नी ज्योत्सना महंत ने चुनाव जीता।
यही वो सीट जहां कांग्रेस के पास खोने के लिए सब कुछ
अब की बार 400 पार व छत्तीसगढ़ में सभी ग्यारह का नारा लेकर चल रही बीजेपी के निशाने में छत्तीसगढ़ की कोरबा व बस्तर की सीट हैं । कोरबा में बीजेपी आलाकमान ने राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय को भेजकर पहले से ही मुक़ाबले को हाईप्रोफ़ाइल कर दिया । कांग्रेस से ज्योत्सना महंत रिपीट होंगी कह कहना जल्दबाज़ी होगी पर पोलिटिकल एक्सपर्ट्स इसकी संभावना से इंकार भी नहीं कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के परिपेक्ष्य में देखें तो महंत परिवार व कांग्रेस के पास यदि खोने के लिए कुछ है तो यही एक सीट है। इसलिए यहां परफॉर्मेंस प्रेशर कांग्रेस व भाजपा दोनो पर रहेगा। कांग्रेस किसी भी कीमत पर सीट बरकरार रखना चाहेगी । बीजेपी हर हाल में इसे छीनने के लिए बेकरार है तो मुकाबला रोचक होगा।
विधानसभा चुनाव 2023 के बाद की स्थिति
लोकसभा कोरबा में शामिल विधानसभा सीट -8
जिले – एमसीबी, जीपीएम, कोरबा
कांग्रेस – रामपुर अजा
गोंडवाना गणतंत्र – पाली तानाखार अजा
भाजपा – मरवाही अजा, भरतपुर सोनहत अजा, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, कोरबा, कटघोरा
भाजपा के समक्ष चुनौती
- बाहरी प्रत्याशी का लेबल
- लोकल दावेदारों का मैनेजमेंट, कार्यकर्ताओं को मना पाने की दिक्कत
- अब तक दुर्ग के शहरी इलाकों तक राजनीति कर रही सरोज पांडेय को धुर वनवासी इलाकों में पहुंचने की कवायद
- महंत परिवार की अच्छी पकड़, इलाके में पिछले तीन चुनावों का गहरा अनुभव
कांग्रेस के लिए चुनौतियां
- देश में मोदी लहर,राममंदिर बनने के बाद जनमानस का भाजपा के प्रति झुकाव
- प्रदेश में भाजपा की सरकार
- प्रत्याशी रिपीट होने पर एक ही परिवार को बार बार मौका देने के आरोप
- कोरबा लोकसभा क्षेत्र में परिवर्तन के लिए स्वाभविक एन्टी इनकम्बेंसी
- 6 विधानसभा में भाजपा का कब्जा