प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती को लेकर गजब की प्लानिंग
लखनऊ//
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का इरादा गोवंश को प्राकृतिक खेती का आधार बनाने की है. यही वजह है कि सरकार छुट्टा गोवंश के संरक्षण का हर संभव प्रयास कर रही है. साथ ही पशुपालकों को गोवंश का पालन करने के लिए लगातार प्रोत्साहन दे रही है. हाल ही में प्रस्तुत बजट में सरकार ने छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया. इसी क्रम में सरकार ने अमृत धारा योजना भी लागू की है. इसके तहत दो से 10 गाय पालने पर सरकार 10 बैंकों के जरिए 10 लाख रुपये तक आसान शर्तों पर ऋण मुहैया कराएगी. योजना के तहत तीन लाख रुपए तक अनुदान के लिए किसी गारंटर की भी जरूरत नहीं होगी.दरअसल जन, जमीन और जल की सेहत योगी सरकार के लिए प्राथमिकता है. इसका प्रभावी हल है प्राकृतिक खेती. ऐसी खेती जो रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों से मुक्त हो. गोवंश इस खेती का आधार बन सकते हैं. उनके गोबर और मूत्र को प्रसंस्कृत कर खाद और कीटनाशक के रूप में प्रयोग से ही ऐसा संभव है. इससे पशुपालकों को दोहरा लाभ होगा. खुद और परिवार की सेहत के लिए दूध तो मिलेगा ही, जमीन की सेहत के लिए खाद और कीटनाशक भी मिलेगा. इनके उत्पादन से गौआश्रय भी क्रमशः स्वावलंबी हो जाएंगे.
मुख्यमंत्री का गोवंश के प्रति प्रेम जगजाहिर है. वह अपने पहले कार्यकाल से ही गोवंश के संरक्षण पर जोर दे रहे हैं. इस बाबत निराश्रित गोवंश के लिए गोआश्रय खोले गए. प्रति पशु के अनुसार भरण-पोषण के लिए पैसा भी दिया जाता है. बजट के पहले अनुपूरक बजट में भी इस बाबत 1001 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. मुख्यमंत्री योगी की मंशा इन गोआश्रयों को आत्मनिर्भर बनाने की है. ऐसा तभी संभव है जब इनके गोबर और मूत्र को आर्थिक रूप से उपयोगी बनाया जाए. इसके लिए समय-समय पर सरकार स्किल डेवलपमेंट का भी कार्यक्रम चलाती है. साथ ही मनरेगा के तहत भी पशुपालकों को सस्ते में कैटल शेड, पशु बाड़ा और गोबर गैस लगाने की सहूलियत दी जा रही है. मिनी नंदिनी योजना भी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इसमें भी योगी सरकार कई तरह के अनुदान दे रही है.