दिल्ली । दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने गर्भपात से संबंधित अधिनियम की अधिसूचना जारी करने को मंजूरी दे दी है. हालांकि, उन्होंने अधिसूचना जारी करने में हुई दो वर्ष की देरी पर नाराजगी जताई राजनिवास के मुताबिक, एलजी ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी संशोधन अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक प्रपत्र एक, दो और तीन के संबंध में अधिसूचना जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. यह अधिनियम महिलाओं को पंजीकृत चिकित्सकों द्वारा व्यापक गर्भपात देखभाल और कुछ विशेष परिस्थितियों में गर्भधारण की समाप्ति का अधिकार प्रदान करता है. हालांकि, एलजी ने इस पर नाराजगी जताई कि इस मामले को दो वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद उनकी मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया गया, जबकि केन्द्र सरकार की ओर से इसके लिए दिसंबर, 2021 में दिल्ली सरकार को ई- मेल किया गया था।
इस मुद्दे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव पर अपनी सहमति देते हुए एलजी ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को मामले की प्रक्रिया में हुई अत्यधिक देरी का कारण पता लगाने के निर्देश दिए. उन्होंने इस देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
दिल्ली कानून लागू करने वाला दूसरा राज्य भारद्वाज
उपराज्यपाल ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) अधिनियम 2021 लागू करने में हुई दो साल की देरी पर दिल्ली सरकार के प्रति नराजगी जताई है. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हम एलजी साहब की नाराजगी को अच्छी भावना से लेते हैं. मगर हम उन्हें बताना चाहते हैं कि देश में ओडिशा के बाद दिल्ली उक्त कानून लागू करने वाला दूसरा राज्य है. हम महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशील हैं।