ललित साहू के परिवार ने आरपीएफ पर लगया गलत तरीके से फंसाने का आरोप

छत्तीसगढ़ रायपुर

भिलाई । साहू इंटरप्राईजेस कबाड़ी दुकान के संचालक ललित साहू की पत्नी श्रीमती अनुसुईया साहू व उनके दोनो पुत्र उमेंन्द्र कुमार साहू व तोरण साहू ने पत्रकारर्वाता लेकर थाना आरपीएफ  बीएमवाय चरोदा पुलिस पर अपने पिता ललित साहू को गलत तरीके से फंसाने का आरोप लगाया है और इस मामले की शिकायत व निष्पक्षता के साथ जांच करने की मांग मंडल रेल सुरक्षा आयुक्त रेल मंडल रायपुर व रेलवे के बिलासपुर के प्रमुख अधिकारियों से की है।

साहू ने पत्रकारों से अपनी पीडा बताते हुए कहा कि गत दिवस रेलवे का 30 से 35 टन रेल पटरी चोरी हुआ है और इस मामले में किसी अमित गुप्ता के पास से रेलवे के चोरी का कुछ माल और एक बोलेरो पिकप वाहन क्रमांक सीजी 07 सीए 8480 जब्त हुआ है। इस मामले में अमित गुप्ता द्वारा रेल पटरी को चोरी कर हमारे कबाडी दुकान में बेचने की बात आरपीएफ थाने में कही है जबकि मेरे पिता व हम लोग किसी अमित गुप्ता को नही जानते  हमारे पिता मन्नु गुप्ता नामक व्यक्ति से स्क्रेप खरीदते रहे है। हम रजिस्टर्ड स्क्रेप डीलर है और सरकार को जीएसटी का भुगतान करते है। हम जो भी कबाडी का सामान खरीदते है उसका संपूर्ण रिकार्ड उसके पास है लेकिन वे रेल पटरी या रेलवे का कोई भी माल न तो मन्नु गुप्ता से खरीदा है और न ही किसी और से। लेकिन आरपीएफ के ओसी किसी अमित गुप्ता द्वारा दिये गये बयान कि उसने रेलवे की पटरियां चोरी कर ललित साहू को विक्रय किया है। जबकि वह अमित गुप्ता को नही जानता है। आरपीएफ  द्वारा अमित गुप्ता कि शिकायत की जांच किये बिना ही केवल अमित गुप्ता के कहने पर हमारे पिता ललित साहू को फंसाने का कार्य कर रही है और रात को तीन बजे या कभी भी आरपीएफ  द्वारा हमारे घर आकर हमारे पिता को पकडने आ रही है और हम लोगों को धमकाया जा रहा है कि ललित को पेश करो नही तो घर का सामान फेंक देगें और घर से बाहर कर देंगे व अंदर बंद कर देंगे कहकर हमलोगों को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है जबकि हम लोगो को खुद पता नही है कि हमारे पिता कहा हैं वे कई दिनों से लापता है। बिना जांच किये हमारे कबाडी दुकान को भी सील कर दिया गया है। आरपीएफ के ओसी को भी यह पता है कि अमित गुप्ता हत्या का अपराधी है और जेल की सजा काट चुका है। यदि अमित गुप्ता ने उसे रेलवे की सम्मति हमारे यहां विक्रय की है तो हमारे यहां के सबसे पहले सीसीटीव्ही कैमरा की जांच करने के साथ ही अमित गुप्ता के व उनके आयसर के दोनो ड्रायवरों का मोबाईल का डाटा की जांच की जाये कि वह पिछले दो महिनों से किस किस से बात किया है और किस किस को माल बेचा है इसके साथ ही टोल टेक्स का सीसीटीव्ही कैमरा की जांच की जाये और अमित गुप्ता के पास दो दो बडी गाडी आयसर सीजी 15 डीजी 6084 और सीजी 07 बीडी 7864 है जिसको पंचू और मक्खी नामक ड्रायवर चलाते इन दोनो आयसर वाहन को छिपाकर रखा गया है उसकी खोज कर आयसर के दोनो ड्रायवरों को पकडकर कडी पूछताछ की जाये तब सब सच्चाई सामने आ जायेगी और दूध का दूध व पानी का पानी हो जायेगा। ललित साहू के छोटे पुत्र तोरण साहू ने कहा कि इतनी बडी चोरी बिना मिलीभगत के नही हो सकती है और इसमें बडे किसी व्यापारी का हाथ है जिसे बचाने अमित गुप्ता द्वारा हमारे कबाडी की बहुत पुरानी दुकान है व बडे व्यापारी है इसलिए जानबूझकर इस मामले को अलग मोड देने के लिए हमारे दुकान में चोरी की रेल पटरी बेचने का आरोप लगाया जा रहा है। पीडित ललित साहू की पत्नी ने पत्रवार्ता में आरपीएफ द्वारा बार बार आकर मानिसक रूप से प्रताडित करने और अपने पति ललित साहू को फंसाने की बात कहते हुए रो पड़ी और कहा कि हमे जानकारी मिली है कि अमित गुप्ता वर्तमान में लोहा टीना, स्क्रेप को विक्रय करने का काम करता है, और उन मालों को अपने दोनो आयसर और एक बोलेरो पिकप से करता है और अपना ये माल संवयवहार अंकित ठाकुर एवं संतोष गोयल व्यक्ति से है, जिसको वह लगातार लोहा, टीना, स्क्रपे विक्रय करता है। अमित गुप्ता का गोदाम , संतोष गोयल की कम्पनी अकलोरडीह हथखोज तालाब के सामने है जहां अमित गुप्ता अपने माल को रखवाता है और विक्रय करता है।

उमेन्द्र साहू ने कहा कि वास्तविकता ये है कि अमित गुप्ता द्वारा पूर्व में हमारे पिता से संपर्क कर अपने व्यापार करने के लिए कहा था लेकिन हमारे पिता द्वारा यह कहा गया कि आप आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहते है, इसलिए आपके साथ व्यापार करने पर हमारे व्यापार पर बुरा असर पडेगा। इसलिए मैं आपके साथ व्यापार नही कर सकता। इस कारण अमित गुप्ता रंजिशवश और इस मामले को अलग मोड देने के साथ ही इसे दबाने और मुख्य आरोपियों को बचाने हमारे पिता ललित साहू के विरूद्ध झूठा कथन कर हमारे पिता को फंसाया जा रहा है।

तोरण साहू ने कहा कि इस मामले की शिकायत हमारे द्वारा आरपीएफ  के व रेलवे के बिलासपुर व रायपुर के प्रमुख अधिकारियों से की गई है जिसमें पहले बीएमवाय चरोदा के ओसी को यहा से हटाकर किसी दूसरे अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच की जाये और अमित गुप्ता जो अभी इस चोरी के मामले में जेल में है उससे और उसके दोनो आयसर के ड्रायवरों के मोबाईल जब्त कर उनके मोबाईल के डाटा की व टोल टेक्स के साथ ही हमारे दुकान के सीसीटीव्ही की जांच की जाये क्योंकि हमारे पास बालेरो की पिकप वाहन है जिसमें इतनी बडी रेल पटरी नही आ सकती है। उसे अमित गुप्ता के आयसर वाहनों से लाया गया है, आयसर वाहनों को भी जब्त किया जाये।