नई दिल्ली । दो बार की चैम्पियन भारतीय टीम को नीदरलैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ मंगलवार को विश्व कप के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में आत्ममुग्धता से बचना होगा। साथ ही भारतीय टीम को अपने खेल में भी काफी सुधार भी करना होगा। भारत ने 2001 में होबर्ट और 2016 में लखनऊ में यह टूर्नामेंट जीता है।
इसके अलावा 1997 में इंग्लैंड में खेले गए टूर्नामेंट के फाइनल में आस्ट्रेलिया से 2 . 3 से हार गए थे। भारत ने टूर्नामेंट में कोरिया को 4 . 1 से हराकर अच्छी शुरूआत की लेकिन फिर स्पेन से 1 . 4 से पराजय का सामना करना पड़ा।आखिरी पूल मैच में भारत ने कनाडा को 10 . 1 से हराया। पूल सी से तीन मैचों में दो जीत के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहकर अंतिम आठ में पहुंचा जबकि स्पेन शीर्ष रहा है।
वहीं पूल डी में नीदरलैंड शीर्ष स्थान पर रहा। टूर्नामेंट में सकारात्मक शुरूआत करने वाली भारतीय टीम को स्पेन ने उन्नीस साबित किया। छोटे छोटे पास के साथ खेलने वाली स्पेनिश टीम ने भारतीय डिफेंस में बखूबी सेंध लगाई। दूसरी ओर अपने बेहतरीन खेल से दुनिया की किसी भी टीम के डिफेंस को नेस्तनाबूद कर सकने वाली डच टीम के खिलाफ भारत को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।
भारत को दबाव के क्षणों में पेनल्टी कॉर्नर देने की आदत से भी बाज आना होगा। कनाडा पर मिली विशाल जीत से भारत के हौसले बुलंद है। कप्तान उत्तम सिंह ने कहा ,‘‘ हमने विश्व कप में अच्छी हॉकी खेली है। पिछले मैच में बड़ी जीत से हमारा आत्मविश्वास बढा है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे।’’
भारतीय कोच सी आर कुमार ने कहा कि उनके खिलाड़ी हर चुनौती का सामना करने के लिये तैयार है। कुमार ने कहा ,‘‘ खिलाड़ी फॉर्म में हैं और हर चुनौती का सामना करने के लिये तैयार हैं। हम मैच दर मैच रणनीति बना रहे हैं। क्वार्टर फाइनल बड़ा मैच है लेकिन हम पूरी तरह से तैयार हैं।’’ सेमीफाइनल बृहस्पतिवार को और फाइनल शनिवार को खेला जायेगा।