झुमरपालीवासी को नगर पंचायत कार्यालय से नहीं पीएम आवास का फार्म

छत्तीसगढ़

भटगांव । भाजपा की सरकार बनते ही नगर पंचायत भटगांव के वार्ड नम्बर 12 झुमरपालीवासी व प्रगति नगर के  वासियों को सरकार से दी जाने वाली पीएम आवास का लाभ मिलने की उम्मीद जगी हैं।

जहां सरकार योजना के तहत गरीबों को उनके खुद का आशियाना देने की दिशा में काम कर रही है, ऐसे में दूसरी तरफ नगर पंचायत के कर्मचारी द्वारा पीएम आवास का फॉर्म देने से ही इंकार करने का मामला सामने आया हैं। दरसल बीते दिन झुमरपाली के एक परिवार की महिला पहले भरी पीएम आवास का  दी गई।

रसीद को लेकर पुनः पीएम आवास का फॉर्म लेने पहुँची  जहां नगर पंचायत के कर्मचारी दुर्गेश से महिला की बात हुई और आवास के लिए उनसे फार्म माँगा उतने में दुर्गेश महिला को फार्म देने से इनकार कर दिया ए कहते हुए की आप लोग झुमरपाली के हो और झुमरपाली व प्रगति नगर के लोग घास जमीन में रहते हो इसलिए आप लोगों को फार्म नहीं दिया जाएगा ,आप लोगों को पीएम आवास नहीं दिया जाएगा।

जिस पर महिला ने पलटकर जवाब दिया और कहा कि जब घास जमीन में रहते हैं तो किस बात की टेक्स आप लोग लेते हो फिर दुर्गेश ने जवाब दिया कि आप लोग जो रह रहे हो उसका किराया है वो । ऐसे में बड़ा सवाल है कि नगर पंचायत की उदासीन रवैये के चलते कर्मचारी के हौसले बुलंद हो गये हैं , आखिरकार आम जनताओं से ऐसा व्यवहार करने  किसके सह से मिल रहा है सोच से परे है, कहीं ऐसा तो नहीं कि सम्बन्धित अधिकारी ही ऐसा कहने को कह रहा हो।

जबकि कर्मचारी होने के नाते उसका फर्ज बनता हैं कि वो आमजनता को फार्म दें न की खुद से ही फैसला लेकर पीएम आवास नही दिया जाने का बात कहकर फार्म देने से ही इंकार कर दें। सरकार और आला अधिकारी के निर्णायक पर ही गरीबों को आवास दिया जाना हैं।

गौरतलब नगर पंचायत भटगांव में कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें आवास का लाभ पात्रता के श्रेणी में नहीं होने के बावजूद  निजी लाभ अर्जित कर उन्हें आवास का लाभ दिया गया हैं, आवास  दूसरे जगह का पास हुआ है और आवास किसी दूसरे जगह निर्माण किया गया हैं। अगर इस मामलें में जिला प्रशासन और शासन जाँच करें तो बड़े पैमाने पर बड़ा खुलाशा हो सकता हैं।ऐसे में जिला प्रशासन और सरकार के गाइडलाइंस के तहत ही आवास को दिया जाना चाहिए तांकि जो वास्तव में पात्रता के श्रेणी में है उन गरीबों को आशियाना मिल सकें।अब देखना होगा कि नगर पंचायत के कर्मचारी दुर्गेश पर प्रशासन क्या कुछ कार्रवाई करती हैं और गलत तरीके से दिए आवास पर क्या कुछ जाँच करवाए जाते हैं।