मानवाधिकार दिवस : इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किया लोगों को जागरूक
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इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने मानव श्रृंखला बनाकर नारों के माध्यम से फैलाई जागरूकता
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दीपका – कोरबा //
मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह उस दिन की याद दिलाता है जब 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया था ।
मानवाधिकार दिवस की औपचारिक शुरुआत 1950 में हुई, जब महासभा ने प्रस्ताव 423 (V) पारित कर सभी राज्यों और इच्छुक संगठनों को प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में अपनाने के लिए आमंत्रित किया। जब महासभा ने घोषणा को अपनाया, तो इसे “सभी लोगों और सभी राष्ट्रों के लिए उपलब्धि का एक सामान्य मानक” घोषित किया गया, जिसके लिए व्यक्तियों और समाजों को “राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रगतिशील उपायों के माध्यम से प्रयास करना चाहिए, ताकि उनकी सार्वभौमिक और प्रभावी मान्यता और पालन सुनिश्चित हो सके”। मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं की एक विस्तृत श्रृंखला निर्धारित की गई है, जिसके हम सभी हकदार हैं। यह राष्ट्रीयता, निवास स्थान, लिंग, राष्ट्रीय या जातीय मूल, धर्म, भाषा या किसी अन्य स्थिति के आधार पर भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति के अधिकारों की गारंटी देता है। हालाँकि घोषणापत्र कोई बाध्यकारी दस्तावेज़ नहीं है, लेकिन इसने 60 से ज़्यादा मानवाधिकार दस्तावेजों को प्रेरित किया है जो मिलकर मानवाधिकारों का एक अंतरराष्ट्रीय मानक बनाते हैं। आज घोषणापत्र में दिए गए बुनियादी मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों की आम सहमति इसे और भी मज़बूत बनाती है और हमारे रोज़मर्रा के जीवन में मानवाधिकारों की प्रासंगिकता पर ज़ोर देती है।
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में नुक्कड़ नाटक एवं मानव श्रृंखला के माध्यम से लोगों के मध्य मानवाधिकार दिवस के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया गया। नुक्कड़ नाटक में यह प्रदर्शित किया गया कि किस तरह हम अपने अधिकारों के प्रति सजक होकर अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। हम देश के साथ-साथ विदेश में भी यदि अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं तो किसी भी परेशानी से बच सकते हैं हमें हर जगह न्याय मिलेगा। देश में हो रहे हैं अत्याचार एवं विदेशों में होने वाली ज्यादती दोनों से सुरक्षा कवच प्रदान करता है मानवाधिकार। नुक्कड़ नाटक में कक्षा आठवी एवं नवमी के विद्यार्थी में मानवाधिकार के महत्व को प्रदर्शित किया। साथ ही विद्यार्थियों के समूह ने मानव श्रृंखला बनाकर मानवाधिकार से संबंधित नारे लगाकर जन समुदाय में जागरूकता फैलाने का कार्य किया।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि सामान्य जीवन यापन के लिए प्रत्येक मनुष्य के अपने परिवार, कार्य, सरकार और समाज पर कुछ अधिकार होते हैं, जो आपसी समझ और नियमों द्वारा निर्धारित होते हैं। इसी के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र को आधिकारिक मान्यता दी गई, जिसमें भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक मनुष्य को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। अत: प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
मानव अधिकार से तात्पर्य उन सभी अधिकारों से है जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। यह सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से वर्णित किए गए हैं और न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है, जिसकी ‘भारतीय संविधान’ न केवल गारंटी देता है, बल्कि इसका उल्लंघन करने वालों को अदालत सजा भी देती है। मानवाधिकार को 30 अनुच्छेदों द्वारा सरलता से समझा जा सकता है, और प्रत्येक व्यक्ति को इसकी जानकारी और समझ अवश्य होनी चाहिए ।सब लोग गरिमा और अधिकार के मामले में स्वतंत्र और बराबर हैं अर्थात सभी मनुष्यों को गौरव और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है। उन्हें बुद्धि और अंतरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए।प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के सभी प्रकार के अधिकार और स्वतंत्रता दी गई है। नस्ल, रंग, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीतिक या अन्य विचार, राष्ट्रीयता या समाजिक उत्पत्ति, संपत्ति, जन्म आदि जैसी बातों पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। चाहे कोई देश या प्रदेश स्वतंत्र हो, संरक्षित हो, या स्वशासन रहित हो, या परिमित प्रभुसत्ता वाला हो, उस देश या प्रदेश की राजनैतिक क्षेत्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के आधार पर वहां के निवासियों के प्रति कोई फर्क नहीं रखा जाएगा।ऐसे ही विभिन्न नियम और कानून हमारे संविधान में दर्ज हैं इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं होती है। आम लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों ने मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष में नुक्कड़ नाटक कर एवं मानव श्रृंखला बनाकर नारे के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया ।सामाजिक स्तर पर ,समाज के भलाई एवं लोगों के हित के लिए इंडस पब्लिक स्कूल हमेशा से अग्रसर रहा है । हमारा उद्देश्य एक सशक्त व सुरक्षित समाज का निर्माण करना है विद्यार्थियों के भविष्य को संभालना है। विद्यार्थियों को उनके अधिकारों के प्रति सजग व सतर्क करना है।