• परीक्षा की तैयारी, सफलता की कुंजी – डॉ. संजय गुप्ता

ख्यातिलब्ध शिक्षाविद डॉ. संजय गुप्ता की कलम से
दीपका- कोरबा (छत्तीसगढ़)//
आज दिन-प्रतिदिन बढ़ती प्रतिस्पर्धा एवं तनाव भरी जिंदगी में विद्यार्थियों को मानसिक रूप से स्वस्थ व प्रसन्न रहना अतिआवश्यक है । लेकिन जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती है विद्यार्थियों में मानसिक दबाव बढ़ते जाता है । वर्षभर नियमित व अनुशासित तथा समर्पित होकर भी हम परीक्षा की तैयारी करें तो भी परीक्षा के दिनों में हम पर मानसिक दबाव व तनाव अवश्य होता है । विद्यार्थियों के मन में विभिन्न प्रकार के प्रश्न उठने लगते हैं और वे सबसे ज्यादा अपने भविष्य के प्रति चिंतित होते हैं। ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब प्रति सप्ताह खासखबर डॉट न्यूज़ में देंगें क्षेत्र के ख्यातिलब्ध शिक्षाविद डॉ. संजय गुप्ता
1 -क्या सीबीएसई बोर्ड ने इस साल से ओवरऑल रैंकिंग और डिस्टिंक्शन की प्रणाली खत्म कर दी ऐसा क्यों?
वैभव अग्रवाल, दुर्ग

डॉ संजय गुप्ता: – हां सीबीएसई बोर्ड ने इस वर्ष से ओवरऑल रैंकिंग एवं डिस्टिंक्शन की प्रणाली खत्म कर दी है। वैसे तो प्रत्येक विद्यालय में विद्यालय स्तर पर विद्यालय अपनी रैंकिंग निकालते ही हैं, लेकिन रैंकिंग और डिस्टिंक्शन प्रणाली खत्म करने के पीछे कारण यह भी है कि सीबीएसई का प्रारंभ से यही प्रयास रहा है कि बच्चों का किसी भी प्रकार से मानसिक स्तर प्रभावित न हो। उनमें हीन भावना पैदा ना हो। यह बात अलग है कि जो बच्चे टॉप करेंगे उनकी रैंकिंग सबसे अच्छी होगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं की जो बच्चे कम मेहनत करेंगे वह मानसिक रूप से कमजोर होंगे। सीबीएसई का अल्टीमेटली यही प्रयास रहता है कि बच्चों का मनोबल ना गिरे। बाकी अपनी कमी और कमजोरी के बारे में तो हर कोई वाकिफ रहता है। अतः विद्यार्थियों को चाहिए कि वह नंबरों के पीछे ना भागें, अपितु अपनी काबिलियत पर फोकस करें।
2 -विद्यार्थियों के लिए बहुवैकाल्पिक प्रश्न कितना लाभदायक एवं कितना नुकसानदायक होता है?
रोशन श्रीवास्तव, दिल्ली

डॉ संजय गुप्ता :-बहुविकल्प आधारित प्रश्न विद्यार्थियों की सही परख करता है ।यदि विद्यार्थी को किसी विषय से संबंधित गहरी जानकारी होगी तभी वह ऐसे प्रश्नों का जवाब सही दे पाएगा ।इसमें विकल्प भी उलझाने वाले होते हैं। इन उलझाने वाले विकल्पों को वही विद्यार्थी सुलझा पाएगा जिसको उस विषय की गहरी समझ हो। बहुवैकल्पिक प्रश्न विद्यार्थियों की सही परख करने हेतु अति आवश्यक है ।बाकी वर्णनात्मक प्रश्नों का उत्तर तो हर कोई कर ही लेता है।
3 -मैं अक्सर लोगों को पहचान नहीं पाता। लोग मेरा फायदा उठा लेते हैं। फिर मेरे मन में उनके प्रति नकारात्मक भाव पैदा हो जाता है। मैं क्या करूं?
रोशन साहू ,मुंगेली

डॉ संजय गुप्ता -कर्म का फल तो हर इंसान को मिलता है ।चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो ।यदि आप निस्वार्थ रूप से किसी की सहायता करते हैं और लोग आपके भोलेपन का फायदा उठाते हैं तो वह यह न सोचें कि उनका हिसाब किताब नहीं होगा ।यह दुनिया गोल है ।हमारी प्रत्येक आवाज इस सृष्टि से घूम के हमारे पास ही वापस आती है ।कर्मों का हिसाब तो हर किसी को चुकाना होगा ।हम अपना दिल साफ रखें ।किसी के प्रति नकारात्मक भाव अपने मन में ना लाएं।बाकी हिसाब किताब तो यह सृष्टि कर ही देती है। समय आने पर सब का हिसाब होता है ।हम ना बुरा सोचें ,ना बुरा करें। यही हमारे मानव जीवन का सार है। आप हमेशा अपने मन में सकारात्मक भाव रखें। नेगेटिविटी ऑटोमेटीकली दूर होती चली जाएगी ।ना बुरा करें ना बुरा सोचें ।जो बुरा करेंगे, जो बुरा सोचेंगे उनके साथ भी वैसे ही होगा। यह अकाट्य है।
4 -मेरी बेटी की बोर्ड परीक्षा की तैयारी हेतु विद्यालय में प्री बोर्ड जारी है, उसको देखने में आ रहा है कि वह बहुत चिंतित रहती है। खोई खोई सी रहती है क्या किया जाए?
रश्मि देवांगन ,कटघोरा

डॉ संजय गुप्ता: – आप उसकी मनःस्थिति को समझने का प्रयास करें ।कहीं वह तनाव ग्रस्त तो नहीं हो गई है? अगर तनाव ग्रस्त है अर्थात वह अवसाद में है ।उसको समझाने का प्रयास करें कि वह अपने मेहनत पर यकीन करें ।तनाव को अपनी दिनचर्या में या अपनी मानसिक स्थिति में हावी न होने दें। अपनी मेहनत पर यकीन रखें ।सतत अभ्यास करते रहें ,योग एवं मनोरंजन को भी दिनचर्या में शामिल करें ।ज्यादा से ज्यादा उसके साथ वक्त बताएं,उसे समझाएं कि कोई भी असफलता जिंदगी से बड़ी नहीं होती ।असफलता ही हमारे सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है ।असफलता रूपी नकारात्मक भाव को अपने मन में हावी न होने दें। हमेशा सकारात्मक रहे। सकारात्मक सोचें और देखिएगा परिणाम भी सकारात्मक ही होगा।
5-अभी मेरे विद्यालय में प्री बोर्ड एग्जाम जारी है ।मैं बहुत प्रेशर फील कर रहा हूं क्या करूं?
निलेश कुमार ,दीपका

डॉ संजय गुप्ता: -अभी आप सिर्फ एग्जाम पर फोकस कीजिए ।टाइम मैनेजमेंट कर प्रत्येक सब्जेक्ट को सेपरेट टाइम दीजिए ।पढ़ते-पढ़ते अगर कोई डाउट्स आए तो अपने सब्जेक्ट टीचर से कांटेक्ट कीजिए। डाउट क्लियर क्लासेस अटेंड कीजिए। मन में किसी प्रकार की भी नकारात्मकता को हावी न होने दें। प्री बोर्ड एग्जाम से आपको अपनी कमियों के बारे में पता चलेगा। जिस पर आप वर्क करना प्रारंभ कीजिए ।फिर देखिएगा रिजल्ट बेहतर नहीं बेहतरीन होगा ।प्रेशर को अपनी लाइफ स्टाइल से दूर रखिए ।पढ़ाई को इंजॉय कीजिए ना कि प्रेशर बनाएं।

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