रायपुर।
छत्तीसगढ़ की एसीबी ने रिश्वतखोर अफसर और कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुये अंबिकापुर में पदस्थ एसडीएम सहित चार कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी एसडीएम ने काम कराने के एवज में प्रार्थी से 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। प्रार्थी की शिकायत पर एसीबी की टीम ने चार आरोपियों को एसडीएम कार्यालय से पकड़ा है।
दरअसल, शासन की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अनुकम में एन्टी करप्शन ब्यूरो इकाई अंबिकापुर के द्वारा उदयपुर जिला सरगुजा के एसडीएम भागीरथी खाण्डे (बी.आर. खाण्डे) सहित 4 लोगों को 50000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।
ये थी शिकायत
घटना का विवरण इस प्रकार है कि 7 मई 2024 को पीड़ित कन्हाई राम बंजारा निवासी ग्राम जजगा वार्ड नं 13 सरगुजा के द्वारा एसीबी अंबिकापुर में यह शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उसने बताया कि ग्राम जजगा स्थित भूमि खसरा नं. 69/31 70/1 एवं 1004/8 रकबा कमशः 0.251, 0.635 एवं 0.243 हेक्टे. जमीन उसके तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर है और कई वर्षों से मकान वहीँ रह रहे हैं।
किन्तु उसके बड़े पिता द्वारा जमीन को केवल अपने नाम पर दर्ज कराने तहसील में आवेदन दिया था। जिस पर प्रार्थी द्वारा आपत्ति दर्ज की गयी थी पर तत्कालीन तहसीलदार उदयपुर के द्वारा उसके बड़े पिता व उसके परिजनों के नाम पर राजस्व रिकार्ड दुरूस्त किये जाने 21 सितम्बर 2022 को आदेश किया गया था। आदेश के बाद भी उसके बड़े पिता के द्वारा 9 नवम्बर 2022 को एसडीएम उदयपुर के पास आदेश 21 सितम्बर 2022 के विरूद्ध अपील प्रस्तुत किया गया था जिसके संबंध में प्रकरण लंबित है।
प्रकरण में उसके तथा उसके अन्य परिजनों के पक्ष में आदेश पारित करने के एवज में एसडीएम उदयपुर बीआर. खाण्डे के द्वारा 50 हजार की रिश्वत मांगी गई। शिकायतकर्ता एसडीएम को रिश्वत न देकर उसे रंगे हाथ पकड़वाना चाहता था। इसलिए एसीबी अंबिकापुर से शिकायत की थी। ैब द्वारा शिकायत का सत्यापन कराये जाने पर शिकायत कर्ता की शिकायत सहीं पायी गयी। एसडीएम उदयपुर बीआर खाण्डे को रिश्वती रकम लेते पकड़ने की योजना बनायी।
आज 21 जून को प्रार्थी को आरोपी एसडीएम को रिश्वती रकम देने शिकायकर्ता को एसडीएम कार्यालय उदयपुर शाम करीब 6 बजे भेजा गया। प्रार्थी द्वारा रिश्वत लेन देन के संबंध में एसडीएम से चर्चा करने पर एसडीएम के द्वारा 50000 की रिश्वत लेने अपने बाबू धरमपाल को भेजा। जिस पर धरमपाल के द्वारा भृत्य अबीर राम को रिश्वत रकम को अपने पास रख लेने कहा और अबीर राम ने अपने हाथों में ले लिया। रिश्वती रकम लेने के पश्चात एसडीएम के पास जाकर बोला कि कन्हाई राम से 50000 रूपये मिल गए है। फिर एसडीएम द्वारा कहा गया कि उस रकम को गार्ड नगर सैनिक कविनाथ सिंह को दे दो। भृत्य द्वारा रिश्वत रकम को एसडीएम के गार्ड नगर सैनिक कविनाथ सिंह को दे दिया गया। इसी दौरान पहले से मुस्तैद एसीबी की टीम ने रिश्वत रकम के साथ एसडीएम बीआर खाण्डे उनके बाबू, भृत्य एवं नगर सैनिक कविनाथ सिंह को गिरफ्तार किया।
पांचो के गिरफ्तारी की खबर से एसडीएम कार्यालय में हड़कंप मच गया। इस कार्रवाई का एक अमानवीय महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि प्रार्थी के पक्ष में आदेश करने के एवज में आरोपी एसडीएम ने प्रार्थी एवं उसके परिजनों की ओर से ग्राम जजगा तहसील उदयपुर स्थित 50 डिसमिल जमीन को भी अपने महिला परिचितों के पक्ष में पावर ऑफ अटार्नी करा लिया था, ताकि भविष्य में उक्त जमीन को अपने पक्ष में करा सके।
संबंधित पावर ऑफ अटार्नी की प्रति भी एसीबी के हाथ लग गयी है। समस्त आरोपियों की संपत्तियों के संबंध में भी एसीबी के द्वारा गहन जांच प्रारंभ कर दी गयी है जो महत्वपूर्ण खुलासे होने की प्रबल संभावना है। आरोपियों के विरूद्ध धारा 7, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है। रिश्वत खोरों के विरूद्ध ऐसी कार्यवाही सतत जारी रहने की बात एसीबी द्वारा कही गयी है, तथा रिश्वत मांगने वालों के विरूद्ध लोगों को सामने आने की अपील भी एसीबी की ओर से की गयी है।